केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि, सभी राज्यों के लोग आपस में हिंदी में ही संवादद करें। इसे अंग्रेजी के पर्याय के रूप में खड़ा करना होगा। अब वह समय आ गया है, जब आधिकारिक भाषा देश की एकता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। हिंदी का मान बढ़ाने के लिए अमित शाह ने राह सुझाई है।
केंद्रीय गृहमंत्री संसदीय आधिकारिक भाषा समिति के अध्यक्ष हैं। वे इसकी 37वीं बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि, हिंदी का उपयोग अंग्रेजी के पर्याय के रूप में किया जाए, न कि, स्थानीय भाषाओं के लिए। इसके अलावा उन्होंने हिंदी में अन्य स्थानीय भाषाओं को समाविष्ट करके अधिक कारगर बनाने की बात कही। शिक्षा क्षेत्र में कक्षा 9वीं तक हिंदी की पढ़ाई करवाने की अवश्यकता पर भी शाह ने बल दिया।
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स्थानीय लोगों से लेकर संसद तक हिंदी
अमित शाह ने बताया कि, कैबिनेट का 70 प्रतिशत एजेंडा अब हिंदी में बनाया जाता है। जबकि, 22 हजार हिंदी शिक्षकों की नियुक्ति पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में की गई है। ये सभी नौ वनवासी समाजों से हैं, जिन्होंने अपने लेखन में देवनागरी को अपनाया है।