अब लव जिहाद का “राम नाम सत्य”!

प्रदेश में लव जिहाद की घटनाओं मे बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसको लेकर कई जगह विरोध प्रदर्शन भी हुए। जिसके बाद सरकार कड़ा कदम उठाने जा रही है। इस बीच धर्म परिवर्तन के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि मात्र विवाह के लिए धर्म परिवर्तन को वैधता नहीं दी जा सकती।

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उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के मामलों पर सरकार अब कड़े कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने की घोषणा की है। छद्म पहचान के द्वारा हिंदू युवतियों को फांसनेवालों को सीएम ने चेतावनी भी दी है कि वे ऐसा न करें अन्यथा उनका “राम नाम सत्य” हो जाएगा।

प्रदेश में लव जिहाद की घटनाओं मे बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसको लेकर कई जगह विरोध प्रदर्शन भी हुए। जिसके बाद सरकार कड़ा कदम उठाने जा रही है। इस बीच धर्म परिवर्तन के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि मात्र विवाह के लिए धर्म परिवर्तन को वैधता नहीं दी जा सकती। कोर्ट में दायर एक याचिका में एक दंपति ने मांग की थी कि उनके परिवारवालों को उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने से रोका जाए। कोर्ट ने इस विवाहित जोड़े की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि एक याचिकाकर्ता मुस्लिम तो दूसरा हिंदू है। लड़की ने 29 जून 2020 को हिंदू धर्म स्वीकार किया और एक महीने बाद 31 जुलाई को विवाह कर लिया। कोर्ट ने कहा कि,” रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया गया है। कोर्ट ने कहा कि इस्लाम के बारे में बिना जाने और बिना आस्था विश्वास के धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने कहा ऐसा करना इस्लाम के भी खिलाफ है।” जस्टिस एमसी त्रिपाठी की एकल पीठ ने ये अहम फैसला सुनाया।

लव जिहाद पर कानून

प्रदेश में लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की घोषणा की है। इसके अलावा सीएम ने ऐसे मामलों के सामने आने के बाद प्रशासन से उस पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ने से रोका जा सके। जौनपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कानून बनाया जाएगा। इसके साथ ही उन लोगों का राम नाम सत्य होगा जो अपनी मूल पहचान छुपाकर छद्म नामों के जरिये हिंदू लड़कियों को फांसते हैं और उनसे विवाह करते हैं।

8 राज्यों में धर्म परिवर्तनरोधी कानून

देश के 8 राज्यों में धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने वाले कानून हैं। इसमें अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड का नाम शामिल है।
बता दें कि, सबसे पहले ओडिशा ने 1967 में धर्म परिवर्तनरोधी कानून बनाया था। इसके बाद मध्य प्रदेश 1968 में इस पर कानून लेकर आया।

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