यूपी के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने धर्मांतरण कर लिया है। उन्होंने इस्लाम धर्म को त्याग कर हिंदू धर्म अपना लिया है। मशहूर डासना देवी मंदिर में उन्होंने विधि-विधान के साथ घर वापसी करते हुए हिंदू धर्म अपना लिया। मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उनकी हिंदू धर्म में वापसी करवाई। इस दौरान उन्होंने कई अनुष्ठान किए।
धर्मांतरण करने के बाद रिजवी त्यागी बन गए हैं। उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रखा गया है। 6 दिसंबर की सुबह डासना देवी मंदिर में उन्होंने हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया। उन्होंने धर्म परिवर्तन से पहले कहा था कि उनका नया नाम नरसिंहानंद महाराज निश्चित करेंगे।
केवल हिंदू धर्म के लिए करेंगे काम
धर्मांतरण करने के बाद रिजवी ने कहा कि वे आज से सिर्फ हिंदू धर्म के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमान सिर्फ हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए मतदान करते हैं। उनकी कोई पार्टी-पॉलिसी नहीं होती।
https://twitter.com/WasimRizvi_IND/status/1467751496863281156?s=20
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उनके इस कदम की सोशल मीडिया पर खूब सराहना की जा रही है।
सिर्फ साहसी और वीर ही
सच का सामना करने और स्वीकारने
कि हिम्मत रखते हैं
वरना….
ये हिम्मत कायरों में कहां ।
नमन जितेंद्र जी🙏🙏— J prakrit (@urdhwagat) December 6, 2021
कौन हैं वसीम रिजवी?
बता दें कि पिछले दिनों वसीम रिजवी ने वसीयत जारी कर कहा था कि उनके मरने के बाद दफनाने के बजाय हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए। रिजवी ने यह भी कहा था कि यति नरसिंहानंद उनकी चिता को आग देंगे। इस वसीयत के बाद उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी हत्या की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया था।