Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Chief Minister Pushkar Singh Dhami) ने 11 मार्च को सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा बैठक(Review meeting of CM Helpline 1905) ली। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान विभिन्न शिकायतकर्ताओं से वार्ता(Talks with complainants) कर उनकी समस्याएं सुनी एवं सीएम हेल्पलाइन के संबंध में फीडबैक लिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी सीएम हेल्पलाइन 1905 में आने वाली शिकायतों को शीर्ष प्राथमिकता से लें। साथ ही सीएम हेल्पलाइन 1905 को और अधिक प्रभावी बनाए जाने पर कार्य हो। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन का मकसद जनता को सहूलियत पहुंचाना है। शिकायत का समाधान न होने पर संबंधित विभाग व अधिकारी उसका अनवरत फॉलोअप करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दीर्घकालीन-टेक्निकल समस्याओं को लंबित रखने की आदत छोड़ समस्याओं के शीघ्र समाधान पर कार्य करें। शासन-प्रशासन का एकमात्र मकसद जनता को संतुष्ट करना है।
जनता के प्रति शासन-प्रशासन की जवाबदेही, नियमित लें बैठक
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी प्रत्येक स्तर पर नियमित रूप से सीएम हेल्पलाइन 1905 के संबंध में बैठक लें। शासन-प्रशासन की जवाबदेही जनता के प्रति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं के प्रति सभी सेवा-भाव से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि तहसील दिवसों के दौरान भी सीएम हेल्पलाइन 1905 से आने वाली शिकायतों को तत्काल पोर्टल पर अपडेट किया जाए।
मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ताओं से वार्ता कर सुनी समस्या
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन के शिकायतकर्ताओं से फोन से वार्ता की। उधमसिंह नगर की शिकायतकर्ता भावना फुलारा ने बताया कि उनका राशन कार्ड ऑनलाइन प्रदर्शित नहीं हुआ था, जिस कारण उनका आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा था। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के महज पांच दिन में उनकी शिकायत का समाधान किया जा चुका है। वहीं नैनीताल के शिकायतकर्ता सर्वेश शर्मा, हरिद्वार से शिकायतकर्ता सुखजीवन सिंह व देहरादून से शिकायतकर्ता विवेक की शिकायत को सुनते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल लंबित पड़ी शिकायत के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए।
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अधिकारियों की रिपोर्ट किए जाने की व्यवस्था
मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर नियमित रूप से कार्य न करने वाले अधिकारियों की रिपोर्ट किए जाने की व्यवस्था की गई है। साथ ही अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ताओं से किए गए संवाद संबंधी मैसेज अलर्ट की व्यवस्था भी शुरू हो गई है। कॉलिंग एग्जीक्यूटिव के संवाद कौशल प्रशिक्षण के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही संतोषजनक रूप से बंद शिकायतों का प्रतिशत बीते एक माह में 60 से बढ़कर 61 प्रतिशत हो गया है।