Uttarakhand: ‘विद्या – सपनों की उड़ान!’ हिंदी फिल्म का प्रीमियर

उत्तराखंड में फिल्माई गई शिक्षा पर आधारित फिल्म "विद्या - सपनों की उड़ान!" का प्रीमियर शो 23 फरवरी को पीवीआर सिनेमा, सेंट्रियो मॉल, देहरादून में आयोजित किया गया।

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Uttarakhand: उत्तराखंड में फिल्माई गई शिक्षा पर आधारित फिल्म “विद्या – सपनों की उड़ान!” का प्रीमियर शो 23 फरवरी को पीवीआर सिनेमा, सेंट्रियो मॉल, देहरादून में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि, उत्तराखंड के स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विशेष अतिथि, फिल्म निर्माता और संपादक(एडीटर) अनिर्बान धर और अन्य विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में किया गया।

फिल्म में अभिनेता सुशांत खंडया, एकता तिवारी, कृति, भावना रोकड़े के साथ-साथ बॉलीवुड और उत्तराखंड के अभिनेता सतीश शर्मा, शैल शिवराम, मानसी मिश्रा, जयति, राजन तिवारी, पल्लवी पाठक, दीपक बंगवाल, मनील मेहता, विकास शिना, सुशील यादव, अमिताभ घोष, रमेश रावत, कवरदीप सिंह और बाल कलाकार तेजस्विनी गंगोला, यशिका और सारांश जयसिंघानी ने अभिनय किया है।

बान गांव की कहानी
“विद्या – सपनों की उड़ान!” फिल्म चमोली जिले में राजजात यात्रा के अंतिम पड़ाव बान गांव में फिल्माई गई है। यह एक सुदूर और चुनौतीपूर्ण इलाका है। फिल्म शिक्षा के विषय पर आधारित है और इस क्षेत्र में एक स्कूल की स्थापना की प्रेरक यात्रा को बयां करती है। भौगोलिक परिस्थितियों के कारण, इस क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों की कमी है, जिससे बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

गांव में शिक्षा की रोशनी फैलाने का फैसला
कहानी इस बात पर प्रकाश डालती है कि गांव के कुछ बच्चे शिक्षा प्राप्त करने के लिए कहीं और चले जाते हैं। शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति को महसूस करने पर, वे अपनी मातृभूमि की ओर भावनात्मक रूप से आकर्षित होते हैं। अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए, वे अपने गांव में शिक्षा की रोशनी लाने का फैसला करते हैं। स्कूल स्थापित करने में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से उलझना और कुछ तत्वों के विरोध को दूर करना शामिल है।

स्थानीय विद्वानों का मिला समर्थन
हालांकि, स्थानीय विद्वानों के बौद्धिक समर्थन के साथ-साथ उनके लगातार प्रयास सफलता की ओर ले जाते हैं। फिल्म इस बात पर जोर देती है कि सरकारी पहलों के उचित कार्यान्वयन से उल्लेखनीय परिणाम मिल सकते हैं। प्रीमियर पर मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत ने फिल्म की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह एक अच्छी तरह से बनाई गई फिल्म है, जो शिक्षा के महत्व को उजागर करती है। मैं चमोली जिले के बान गांव की कहानी को सामने लाने के लिए अभिनेताओं, निर्माताओं और निर्देशक सहित पूरी टीम को अपनी हार्दिक बधाई देता हूं।” निर्देशक संजीव दास ने घोषणा की कि फिल्म अगले शुक्रवार को उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। उन्होंने बताया कि फिल्म उत्तराखंड सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और फिल्म विकास परिषद की मंजूरी से बनाई गई है, जिसमें बान गांव के स्थानीय समुदाय का भी महत्वपूर्ण सहयोग मिला है। गांव की मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता फिल्म को और आकर्षक बना देती है।

इनका विशेष योगदान
फिल्म के निर्माण में एसोसिएट डायरेक्टर विजय तिवारी, म्यूजिक डायरेक्टर नवीन शिवराम, कैमरामैन हर्ष शर्मा, प्रोडक्शन कंट्रोलर शीनू कौर, गीतकार विराट भट्ट, एडिटर विकास सिंह और आर्ट डायरेक्टर अपूर्व बनर्जी ने योगदान दिया है।

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ये रहे उपस्थित
इस प्रीमियर में विश्व हिंदू परिषद के कोंकण प्रांत के मुख्य प्रचार अधिकारी नरेंद्र मजूमदार, हिंदुस्थान पोस्ट के संपादक स्वप्निल सावरकर, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक, मुंबई के कार्यवाहक राजेंद्र वराडकर और निर्देशक, सिनेमेटोग्राफर तथा मीडिया एवं ध्वनी संयोजक संजीव दास मौजूद थे। इस अवसर पर रियल कैलिबर प्रोडक्शंस के फिल्म निर्माता तेजोराज पटवाल और व्यंकट पुंडीर तथा कार्यकारी निर्माता सुदीप जुगरान भी उपस्थित थे।

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