वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) का स्लीपर वर्जन (Sleeper Version) जल्द ही पटरियों (Tracks) पर दौड़ने लगेगा। पहली ट्रेन दो महीने के अंदर कारखाने (Factory) से रवाना हो जाएगी। निर्माण प्रक्रिया अंतिम चरण में है। मिली जानकारी के अनुसार, शुरुआत में दो सेट ट्रेनें (Trains) लाने की योजना है। पहले इनका ट्रायल (Trial) किया जाएगा। उसके बाद नियमित संचालन किया जाएगा।
शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने इसके संकेत दिए हैं। रेलवे अगले पांच साल के दौरान करीब ढाई सौ वंदे भारत स्लीपर (Vande Bharat Sleeper) ट्रेनें चलाने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। त्योहारों से लेकर गर्मी की छुट्टियों और शादियों के पीक सीजन तक भारतीयों के सामने सबसे बड़ी समस्या ट्रेनों में यात्रा के लिए कन्फर्म टिकट का इंतजार करना होता है।
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वेटिंग खत्म करने की कोशिश में रेलवे
भारतीय रेलवे इसके लिए लगातार कई प्रयास कर रहा है, जिसमें स्पेशल ट्रेनें चलाना भी शामिल है। इसी बीच शनिवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि महज 2 महीने के अंदर देश में ‘वंदे भारत स्लीपर’ ट्रेन सेट पटरियों पर दौड़ने लगेंगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ट्रेनों में वेटिंग की समस्या से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। वहीं, 60 दिनों के अंदर ‘वंदे भारत स्लीपर’ पटरियों पर दौड़ने लगेंगी।
वंदे भारत स्लीपर दौड़ने के लिए तैयार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘वंदे भारत स्लीपर’ पटरियों पर दौड़ने के लिए तैयार है। फिलहाल 2 ट्रेन सेट तैयार किए गए हैं। इन दोनों ट्रेनों पर अगले 6 महीने तक टेस्टिंग की जाएगी। उसके बाद इन ट्रेनों को आम सेवा के लिए शुरू किया जा सकता है।
310 किलोमीटर बुलेट ट्रेन ट्रैक का निर्माण हो चुका
उन्होंने कहा कि रेलवे ट्रैक की बात करें तो इसमें 1,29,000 किलोमीटर का ट्रैक है। रेलवे का सबसे ज्यादा विकास तमिलनाडु में हो रहा है। तमिलनाडु को 6,321 करोड़ रुपये के रेलवे प्रोजेक्ट मिले हैं। बुलेट ट्रेन के बारे में उन्होंने कहा कि इसका 310 किलोमीटर ट्रैक बन चुका है। समुद्र के नीचे सुरंग का कार्य काफी अच्छा चल रहा है।
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