स्वातंत्र्यवीर सावरकर के अभ्यासक, प्राचार्य और छात्रों के अत्यंत प्रिय शिक्षक डॉ. प्र.ल गावडे का निधन हो गया। वे पुणे में रहते थे। उन्हें उनके सामाजिक, शैक्षणिक और मार्गदर्शन कार्य के लिए सदा याद किया जाएगा।
डॉ. प्र.ल गावडे पुणे के महाराष्ट्र एजुकेशन सोसायटी में शिक्षण कार्य करते थे और इसके सचिव भी रह चुके थे। उनकी पहचान शिक्षाविद् के रूप में होती थी। उन्होंने पीएचडी के लिए स्वातंत्र्यवीर सावरकर के जीवन पर अध्ययन करके एक प्रबंध शोध लिखा था, जिसका शीर्षक था ‘सावरकर: एक चिकित्सक अभ्यास’। इसके अलावा भी डॉ. गावडे कई शैक्षणिक, साहित्यिक और सामाजिक संस्थाओं में महत्पूर्ण पदों पर थे। उन्होंने इन संस्थाओं में मार्गदर्शक, हित चिंतक व दानदाता के रूप योगदान दिया।
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गावडे ने इसके अलावा भी कई शोध ग्रंथ लिखे हैं। व्यवसाय या निजी समस्याओं के चलते अधर में जिन छात्रों की शिक्षा छूट जाती है, ऐसे छात्रों के अध्ययन के लिए डॉ. प्र.ल गावडे की भूमिका पुणे विश्वविद्यालय में बहिर्विभाग शुरू करने में महत्वपूर्ण थी।
सावरकर: एक चिकित्सक अभ्यास
1968 में डॉ. प्र.ल गावडे ने पुणे विश्वविद्यालय से पीएचडी की जिसमें उन्होंने ‘सावरकर: एक चिकित्सक अभ्यासक’ विषय पर शोध ग्रंथ लिखा था। इसका पुणे विश्वविद्यालय ने उत्कृष्ट प्रबंध ग्रंथ के रूप सम्मान किया। इसके लिए उन्हे ‘न.चिं केलकर पुरस्कार’ व ‘परांजपे पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। वर्ष 1971-72 में इस प्रबंध ग्रंथ को महाराष्ट्र सरकार का राज्यस्तरीय पुरस्कार भी प्राप्त हुआ। मराठी साहित्य पर डॉ. प्र.ल गावडे का प्रभुत्व था, स्वातंत्र्यवीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद और ज्ञानेश्वरी पर उन्होंने कई व्याख्यान भी दिये थे।
डॉ. प्र. ल गावडे के बारे में
- डॉ. प्र. ल गावडे का जन्म 20 जून, 1924 को नेवासे में हुआ
- माध्यमिक शिक्षा अहमदनगर के भाऊसाहेब फिरोदिया विद्यालय से हुई
- पुणे के फर्ग्यूसन महाविद्यालय और सर परशुराम भाई महाविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की
- 1950 में वे बीटी हुए, 1952 में पुणे विश्वविद्यालय से मराठी व संस्कृत विषय में उन्होंने एम.ए किया और 1956 में एमएड हुए