जनवरी 2024 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर के उद्घाटन से पहले विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल की शौर्य जागरण यात्रा पर सबकी नजर है। महाशक्ति विश्व गुरु से पहले भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की तैयारी है। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि इस यात्रा के जरिए हिंदुओं को जगाना है। धर्मांतरण व लव जिहाद के खतरे के खिलाफ जागृत करने के साथ सनातन धर्म के बारे में भी लोगों को जागरूक करना है। यही नहीं, विहिप धर्म विरोधी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए धर्म योद्धाओं की सेना भी तैयार करने जा रही है।
धर्म विरोधी ताकतों से निपटने की तैयारी
विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष रामचंद्र शुक्ल का कहना है कि हम न केवल लोगों को जागरूक करेंगे, बल्कि धर्म विरोधी तत्वों व आसुरी शक्तियों से निपटने के लिए युवाओं के समूह भी तैयार करेंगे। सनातन संस्कृति संपूर्ण विश्व कल्याण का भाव रखती है। शौर्य जागरण यात्रा का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित कर अजेय शक्ति का निर्माण करना है। हिंदू समाज को हिंदू धर्म का विरोध करने वालों के नापाक इरादों के बारे में चेतावनी देना, उन्हें ऐसी ताकतों से लड़ने के लिए तैयार करना और अन्य धर्मों के लोगों को हिंदू धर्म में वापस लाना है। साथ ही जागरूक करना है कि लोगों को अपनी आस्था के लिए कैसे खड़ा होना चाहिए और धर्म-विरोधी लोगों के मंसूबों के प्रति सचेत रहना चाहिए। यात्रा में धार्मिक आस्था केंद्रों के साथ-साथ प्रांत के उन क्रांतिवीरों का भी स्मरण किया जा रहा है, जिन्होंने अपने समाज, देश, धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए अपनी प्राणों की आहुति दे दी। आज के युवाओं को उनके बलिदानों की गाथाओं को बताना अनिवार्य है।
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शौर्य गाथा की शौर्य जागरण यात्रा
विश्व हिंदू परिषद की यह यात्रा धर्म, समाज व राष्ट्र की विदेशी आक्रमणकारियों से रक्षा करने वाले, सैकड़ों वर्षों की दासता और अत्याचार से मां भारती को मुक्त करने वाले, भारत की गौरवशाली परंपरा की रक्षा करने वाले, वीर योद्धाओं एवं वीर क्रांतिकारी, मां भारती व उसकी सीमाओं की रक्षा करने वाले सेना के वीर जवानों के शौर्य गाथा की यह शौर्य जागरण यात्रा है।