काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी में 18 सितंबर से सप्ताहव्यापी गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई है। गणपति बप्पा का दरबार सज गया है। शहर के पूजा पंडालों में मंगलवार को गणपति बप्पा विधिवत विराजेंगे। शहर में एक दर्जन स्थानों पर सार्वजनिक गणेशोत्सव का आरंभ प्रतिमा स्थापना के साथ होगा। इस दौरान कहीं छह दिन तो कुछ पूजा पडालों में 11 दिवसीय उत्सव होगा।
विघ्नहर्ता की मूर्ति की स्थापना
गणेशोत्सव में दुर्गाघाट स्थित नूतन बालक गणेशोत्सव समाज सेवा मंडल के सप्तदिवसीय महोत्सव की शुरुआत हो गई। बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय की डीन प्रो. बिंदा परांजपे की अध्यक्षता में गणेशोत्सव का उद्घाटन वैदिक मंगलाचरण के बीच उद्योगपति विजय चौधरी ने किया। अतिथियों का स्वागत व परिचय संस्था के प्रवीण वसंत पटवर्धन ने दिया। स्वागत गीत “गणराज आज गृही आला” आंचल यादव व साक्षी झा ने प्रस्तुत किया। मूर्ति की स्थापना वेदमूर्ति अनिमेष वीरेश्वर दातार, पंडित हेमंत जोशी के आचायर्त्व में उत्सव मंत्री राकेश गजानन केलकर,उत्सव अध्यक्ष डॉ. प्रदीप नारायण डोंगरे ने सहस्रनामार्चन (दूर्वा) से किया। संस्था के इस आयोजन का 115वां वर्ष है।
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इसी क्रम में रामघाट स्थित श्री वल्लभराम शालिग्राम साङ्गवेद विद्यालय में पूरी भव्यता के साथ भगवान की स्थापना सहस्रनामार्चन दुर्वा से किया गया। पं. माधव जर्नादन रटाटे ने गणेश भगवान की जन्मकथा सुनाई। हेमंत मोघे के नेतृत्व में प्रथम दिन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। मंगलवार को ऋृग्वेद प्रतियोगिता होगी। अपरान्ह दो बजे से न्याय शास्त्र प्रतियोगिता होगी। उत्सव समिति के अध्यक्ष गणेश्वर द्राविड़ के अनुसार शाम चार बजे विद्यालय में धार्मिक तिथि विषय पर विमर्श होगा। इसकी अध्यक्ष पं. गौरव रविन्द्र देश पांडे (पूना) करेंगे।
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