Aurangabad Caves: औरंगाबाद की गुफाओं का इतिहास क्या है? करीब से देखिए

औरंगाबाद की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में स्थित हैं और ये गुफाएं अपनी प्राचीन बौद्ध वास्तुकला, मूर्तिकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। ये गुफाएं 2वीं से 7वीं शताब्दी के बीच निर्मित मानी जाती हैं।

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औरंगाबाद (Aurangabad) की गुफाएं (Caves), बारह चट्टान-काटे गए बौद्ध मंदिर हैं जो महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद शहर (Aurangabad City) के करीब पूर्व से पश्चिम की ओर फैली एक पहाड़ी पर स्थित हैं। औरंगाबाद की गुफाओं का पहला संदर्भ कन्हेरी गुफाओं (Kanheri Caves) के महान चैत्य में मिलता है। औरंगाबाद की गुफाएं 6वीं और 7वीं शताब्दी के दौरान अपेक्षाकृत नरम बेसाल्ट चट्टान से खोदी गई थीं।

औरंगाबाद गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के पास स्थित 12 प्राचीन चट्टान-काटी गई गुफाएं हैं। इन गुफाओं का इतिहास भारतीय बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय के उत्थान और सांस्कृतिक प्रसार से जुड़ा हुआ है।

औरंगाबाद की गुफाएं
औरंगाबाद की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर में स्थित हैं और ये गुफाएं अपनी प्राचीन बौद्ध वास्तुकला, मूर्तिकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। ये गुफाएं 2वीं से 7वीं शताब्दी के बीच निर्मित मानी जाती हैं।

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गुफाओं का समूह
– कुल 12 गुफाएं हैं, जिन्हें दो समूहों में बाँटा गया है
– पूर्वी समूह (गुफा संख्या 1-5)
– पश्चिमी समूह (गुफा संख्या 6-12)

निर्माण काल
– औरंगाबाद गुफाओं का निर्माण 6वीं से 7वीं शताब्दी ईस्वी के बीच हुआ।
– यह समय वाकाटक वंश और उसके बाद के चालुक्य राजवंश का था, जब बौद्ध धर्म दक्षिण भारत में फल-फूल रहा था।
– इन गुफाओं का निर्माण अपेक्षाकृत नरम बेसाल्ट चट्टानों को काटकर किया गया था, जो मूर्तियों और नक्काशी के लिए आदर्श थीं।

कैसे पहुँचे
निकटतम रेलवे स्टेशन – औरंगाबाद रेलवे स्टेशन
निकटतम हवाई अड्डा – औरंगाबाद हवाई अड्डा
सड़क मार्ग – स्थानीय टैक्सी और ऑटो रिक्शा से आसानी से पहुँचा जा सकता है।

देखें यह वीडियो – 

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