राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों की खुली पोल, आधार लिंक करते ही वो सच सामने

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प्रदेश में गहलोत सरकार की ओर से सरकारी कार्मिकों व पेंशन भोगियों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए शुरू की गई राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) को जन आधार कार्ड से लिंक करने पर खाद्य सुरक्षा योजना का एक नया सच सामने आया है। इस योजना में 27 हजार 911 कार्मिक ऐसे सामने आए हैं, जो गरीबों के लिए चलाई जा रही एक से दो रुपये किलो गेहूं की योजना में गरीबों का निवाला डकार रहे हैं। अब इनसे रिकवरी की तैयारी की जा रही है।

आरजीएचएस को जन आधार कार्ड से लिंक करने पर पता चला कि बड़ी संख्या में कर्मचारी और पेंशनर खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं उठा रहे हैं। ये कर्मचारी और पेंशनर कोरोना काल में भी केंद्र सरकार की ओर से निशुल्क गेहूं का भी लाभ उठाने से नहीं चूके। सरकार ने जब इस प्रकार के कर्मचारियों की जांच की तो ऐसे 27 हजार 911 कार्मिक सामने आए। इनमें सर्वाधिक 3359 कर्मचारी जयपुर से हैं। इसके अलावा अलवर में 3232 और उदयपुर में 2326 कर्मचारियों का खाद्य सुरक्षा का गेहूं उठाना पाया गया। अब ऐसे कर्मचारियों व पेंशनरों को खाद्य विभाग ने रिकवरी के नोटिस जारी किए हैं। खाद्य विभाग के अनुसार ये लोग सालों से योजना का लाभ उठा रहे हैं। इनका जिला स्तर पर सर्वे कर अंतर राशि निकाली गई है।

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इन कर्मचारियों और पेंशनर से प्रति किलो 27 रुपये के हिसाब से रिकवरी की जा रही है। प्रवर्तन अधिकारी हितेश जोशी के अनुसार आरजीएसएस और जन आधार कार्ड को लिंक करने पर कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों द्वारा खाद्य सुरक्षा का लाभ उठाए जाने का खुलासा हुआ। विभाग की ओर से सभी जिलों को ऐसे लोगों की सूची भेजी गई है। अब जिलास्तर से उपखंड स्तर पर संबंधित लोगों की सूची भेज कर वसूली करने के संबंध में नोटिस जारी किए गए हैं।

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