विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स बिमारी की गंभीरता को देखते हुए वैश्विक आपातकाल घोषित कर दिया है। इस संबंध में महानिदेशक डॉ. टेड्रोस ने प्रेस वार्ता करके घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि, मंकीपॉक्स का बढ़ता प्रकोप चिंता उत्पन्न करनेवाला है। जिसे देखते हुए स्वास्थ्य अपातकाल लगाया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले तीन माह में मंकीपॉक्स तेजी से फैला है। दुनिया के 65 देशों में मंकीपॉक्स के 13 हजार से अधिक मरीज मिल चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के यूरोप स्थित क्षेत्रीय निदेशक हैंस क्लग ने लोगों को सावधान रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर होने वाले किसी भी समारोह, त्योहार आदि में मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के शामिल होने से वह अन्य लोगों में संक्रमण फैला सकता है। इसलिए अतिरिक्त सावधानी बरते जाने की जरूरत है।
दरअसल, मंकीपॉक्स चेचक से मिलता जुलता स्वरूप लिये बीमारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि बीमारी का संचरण मां से भ्रूण में पहुंचने पर जन्मजात मंकीपॉक्स के रूप में हो सकता है। इसके अलावा बच्चे के जन्म के दौरान या बाद में निकट संपर्क के माध्यम से भी संक्रमण हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हाल के दिनों में मंकीपॉक्स के शिकार लोगों में से तीन से छह प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो गयी है। मंकीपॉक्स का विषाणु घावों, शरीर के तरल पदार्थों, श्वसन बूंदों और बिस्तर से उस व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए हर स्तर पर सावधानी बरतने की जरूरत है।
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