मंकीपॉक्स के खिलाफ सामूहिक टीकाकरण की जरुरत नहीं, डब्ल्यूएचओ ने बताया यह कारण

डब्ल्यूएचओ के अनुसार अब तक विश्व के 78 देशों से मंकीपॉक्स के 18 हजार से अधिक मामले आ चुके हैं। इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मामले यूरोपीय क्षेत्र से और 25 प्रतिशत अमेरिका के क्षेत्र से सामने आए हैं।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व के 78 देशों में मंकीपॉक्स फैलने के बीच इस संक्रामक के खिलाफ सामूहिक टीकाकरण की सिफारिश करने से इनकार किया है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने 27 जुलाई को कहा कि “डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आने वालों के लिए टारगेट वैक्सीनेशन की सिफारिश करता है। इसके अलावा उन लोगों को वैक्सीन देने की सिफारिश करता है, जो उच्च जोखिम में हैं। इनमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता, कुछ लैब कर्मचारी और ऐसे लोग शामिल हैं, जिनके कई सेक्सुअल पार्टनर हैं।”

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चेचक के टीके के उपयोग की मंजूरी
टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने साफ कहा कि इस समय डब्ल्यूएचओ मंकीपॉक्स के खिलाफ सामूहिक टीकाकरण की सिफारिश नहीं करता है। मंकीपॉक्स के खिलाफ टीकाकरण को लेकर डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि चेचक का टीका है, जिसे एमवीए-बीएन कहा जाता है। इसे कनाडा, यूरोपीय संघ और अमेरिका में मंकीपॉक्स के खिलाफ इस्तेमाल करने की अनुमति मिली है। दो अन्य टीके, एलसी16 और एसीएएम 2000 पर भी विचार किया जा रहा है।

इसलिए सामूहिक टीकाकरण की जरुरत नहीं
टेड्रोस ने कहा कि अगर देश, समुदाय और व्यक्ति खुद को सजग रखते हैं, जोखिम को गंभीरता से लेते हैं और संक्रमण को रोकने और कमजोर लोगों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाते हैं, तो यह एक ऐसा प्रकोप है, जिसे रोका जा सकता है।

78 देशों में 18 हजार मरीज
डब्ल्यूएचओ के अनुसार अब तक विश्व के 78 देशों से मंकीपॉक्स के 18 हजार से अधिक मामले आ चुके हैं। इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मामले यूरोपीय क्षेत्र से और 25 प्रतिशत अमेरिका के क्षेत्र से सामने आए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार अब तक पांच मौतों की सूचना मिली है।

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