दोस्तों हर वर्ष 16 मार्च को देशभर (Across the Country) में राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (National Immunization Day) के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को टीकाकरण (Vaccination) के बारे में जागरूक करना, डॉक्टरों (Doctors) और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों (Health Care Workers) को गंभीर बीमारियों (Diseases) से लड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है।
शोधन द्वारा कई खतरनाक और गंभीर बीमारियों की रोकथाम और उपचार किया जाता है। टीकाकरण से पोलियो, चेचक, गोनोरिया, गण्डमाला, रेबीज और विशेषकर कोरोना जैसी खतरनाक बीमारियों से बचाव होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्नेहन की मदद से हर साल लगभग 2-3 मिलियन लोगों की जान बचाई जाती है। इससे बढ़कर और कौन-सी महिमा है?
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16 मार्च साल 1995 में मनाया गया
भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर देश में पोलियो के लिए पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया, जिसका उद्देश्य 1955 में पहली बार राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाना था। 16 मार्च 1995 को भारत में टोंडावेट पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वैश्विक पोलियो पहल के हिस्से के रूप में।
दो बूंद जिंदगी के
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की हर साल एक मजबूत थीम होती है। इस बार 2024 की राष्ट्रीय टीकाकरण थीम “वैक्सीन वर्क फॉर ऑल” है। विषय यह है कि सभी को टीकाकरण की आवश्यकता है। उच्छेदन कार्यक्रम ‘दो बूंद जिंदगी के’ या झाला नाम से प्रसिद्ध हुआ होगा। बड़े पोलियो विरोधी अभियान के परिणामस्वरूप, भारत को 2014 में पोलियो मुक्त देश घोषित किया गया था।
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