मुख्यमंत्री योगी ने बिजली आपूर्ति पर उच्चाधिकारियों को दिया यह आदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड व्यवस्था की समीक्षा की और बढ़ रहे बिजली संकट को लेकर भी समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने उच्चाधिकारियों को आवश्यक आदेश दिए।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1 मई को उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में प्रदेश की कोविड व्यवस्था की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में बढ़ रहे बिजली संकट को लेकर भी समीक्षा की। उन्होंने जनता को निर्बाध बिजली आपूर्ति का आश्वासन दिया।

 कोविड महामारी पर नियंत्रण प्रभावी
आदित्यनाथ ने कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित अधिकारियों के समूह टीम-9 की बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोविड महामारी पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 1587 एक्टिव केस हैं। 99 फीसदी लोग घर पर ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इनके स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जा रही है।

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सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क अनिवार्य
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। हालांकि विगत दो सप्ताह से एनसीआर के जिलों गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में केस बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में पूरे प्रदेश में 269 नए केस की पुष्टि हुई, जिसमें, गौतमबुद्ध नगर में 117, गाजियाबाद में 55, लखनऊ में 26 और आगरा में 15 नए केस शामिल हैं। जहां केस अधिक मिल रहे हैं, वहां सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाया जाना अनिवार्य कर दिया है। हर दिन कम से कम डेढ़ लाख कोविड टेस्ट किए जाएं। पॉजिटिव पाए जा रहे लोगों का सैम्पल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग का काम सतत जारी रखें।

11 करोड़ 14 लाख से अधिक कोविड टेस्ट
उत्तर प्रदेश में अब तक 11 करोड़ 14 लाख से अधिक कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं, जबकि कोविड टीके की 31 करोड़ 48 लाख डोज लगाई जा चुकी है। 18 साल से अधिक आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है। 88 फीसदी से अधिक वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15 से 17 आयु वर्ग में 95.33 प्रतिशत से अधिक किशोरों को पहली खुराक मिल चुकी है। 66.84 प्रतिशत से अधिक किशोरों को दोनों डोज लग चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण को और तेज किए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती और ईद के अवसर पर बिजली आपूर्ति सुचारू रखें। अनावश्यक कटौती न हो। धर्मिक स्थलों के आसपास स्वच्छता, पेयजल आदि के प्रबंध किए जाएं। लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखें।

बिजली आपूर्ति के संबंध में सकारात्मक बातचीत
प्रदेश में बढ़ रहे बिजली संकट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दिवस दिल्ली यात्रा के दौरान मेरी केंद्रीय गृहमंत्री, ऊर्जा मंत्री और रेल मंत्री के साथ बिजली आपूर्ति के सम्बंध में सकारात्मक बातचीत हुई। तीनों मंत्रीगणों ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। कोयले की ढुलाई के लिए रेलवे हमें अतिरिक्त रैक देने जा रहा है। केंद्र सरकार से अतिरिक्त बिजली भी प्राप्त होगी। रोस्टर के अनुरूप निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए समुचित प्रबंध किए जाएं। फिलहाल स्थिति सामान्य है और रोस्टर के अनुरूप बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराएं।

ठोस कार्ययोजना बनाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी उपभोक्ता को गलत बिजली बिल न मिले और सभी को समय से बिल मिल जाए। ओवरबिलिंग अथवा विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान तो करती ही है, व्यवस्था के प्रति निराश भी करती है और वह बिल जमा करने के प्रति उत्साहित नहीं होता। ऐसे में समय से बिल और सही बिल दिया जाना सुनिश्चित करें। इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाने की जरूरत है।

कलेक्शन सिस्टम में सुधार की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली आपूर्ति होती रहे इसके लिए बिल का भुगतान जरूरी है। बिजली का उपभोग करने वाले हर उपभोक्ता की यह ज़िम्मेदारी है कि वह समय से बिजली बिल का भुगतान करें। ऊर्जा विभाग, विद्युत निगमों को बिल के समयबद्ध संकलन के लिए ठोस प्रयास करना होगा। बकायेदारों से लगातार संपर्क करें, संवाद करें। समय से बिल भेजें, सही बिल दें। कलेक्शन सिस्टम में सुधार की जरूरत है

मुफ्त राशन उपलब्ध
उन्होंने कहा कि 15 करोड़ गरीब जनता के सुचारू भरण-पोषण के लिए प्रदेश सरकार मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है। केंद्र सरकार की ओर से भी मुफ्त राशन दिया जा रहा है। राशन के अतिरिक्त दाल, नमक और खाद्य तेल भी दिया जा रहा है। अंत्योदय कार्ड धारकों को चीनी भी मुफ्त दी जा रही है। व्यापक जनहित की यह योजना सुव्यवस्थित रूप से चलती रहे, इसके लिए वितरण सामग्री की उपलब्धता, वितरण प्रणाली आदि की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाती रहे।

गो-आश्रय स्थलों में सुचारू हो व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकासखंड स्तर पर 2000-2500 गोवंश क्षमता वाले गो आश्रय स्थल स्थापित करने की योजना बनाएं। प्रदेश के सभी गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुचारू रखी जाए। गोवंश को गर्मी अथवा धूप से सुरक्षित रखने के प्रबंध किए जाएं। हरा चारा-भूसा आदि के समुचित प्रबंध हों। इन दिनों गेहूं की कटाई चल रही है। ऐसे में पशु चारे की खरीद अभी कर लेना उचित होगा। दुग्ध समितियों के गठन की प्रक्रिया को और तेज करने की अपेक्षा है।

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