तुर्किये में फंसे 10 भारतीय, एक लापता, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी

विदेश मंत्रालय के सचिव ने भूकंप ग्रस्त सीरिया और तुर्किये में भारत की ओर से चलाए जा रहे राहत एवं बचाव अभियान ‘ऑपरेशन दोस्त’ की जानकारी दी।

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विदेश मंत्रालय के अनुसार तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप में 10 भारतीय दूर-दराज के क्षेत्रों में फंसे हैं लेकिन वे सुरक्षित हैं और एक भारतीय लापता है। सरकार लापता भारतीय के परिवार वालों के संपर्क में हैं।

विदेश मंत्रालय के सचिव पश्चिम संजय वर्मा ने 8 फरवरी को आयोजित प्रेस वार्ता में भूकंप ग्रस्त सीरिया और तुर्किये में भारत की ओर से चलाए जा रहे राहत एवं बचाव अभियान ‘ऑपरेशन दोस्त’ की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भूकंप के बाद 75 भारतीयों की ओर से कॉल प्राप्त हुई थीं। तीन भारतीय, जिन्होंने मदद की गुहार लगाई थी, उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। उन्होंने बताया कि अदाना में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। लापता भारतीय तुर्किये में बिजनेस यात्रा पर गया था। हम उनके परिवार और उसकी बेंगलुरु की नियोक्ता कंपनी के संपर्क में हैं।

1939 के बाद सबसे भीषण भूकंप
सचिव पश्चिम संजय वर्मा ने बताया कि 1939 में आई आपदा के बाद यह तुर्किये में आया सबसे भीषण भूकंप है। हमें तुर्किये पक्ष से मदद की ई-मेल प्राप्त हुई थी। बैठक के बाद 12 घंटे के भीतर पहला विमान तुर्किये के लिए दिल्ली से रवाना हो गया था। इसके बाद 4 और इस तरह के विमान तुर्किये के लिए रवाना हुए हैं। इसमें से दो में एनडीआरएफ की टीम में और 2 में मेडिकल टीम थी। एक एयरक्राफ्ट को 6 टन मेडिकल सप्लाई के साथ सीरिया भेजा गया था।

भारत ने भेजी 6 टन मेडिकल सामग्री
सीरिया पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों से जुड़े प्रश्न पर संजय वर्मा ने कहा कि भारत ने 6 टन मेडिकल सामग्री सीरिया भेजी है। इस तरह के प्रतिबंध मानवीय सहायता पर लागू नहीं होते। हम जी-20 में भारत के दिए मंत्र ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ का अनुसरण कर रहे हैं।

विदेश मंत्री की बैठक
सचिव ने बताया कि भूकंप के बाद 6 फरवरी को विदेश मंत्री ने सुबह बैठक की। इसके बाद प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने अंतर-मंत्रालय बैठक की। इसी दौरान भारत को तुर्किये से मदद देने का ईमेल प्राप्त हुआ। इसके बाद आगे की योजना के लिए एक साउथ ब्लॉक में बैठक हुई। 12 घंटे के भीतर भारत से पहला विमान रवाना हो गया। उन्होंने बताया कि तुर्की भाषा बोलने वाले दो अधिकारियों को समन्वय के लिए वहां तैनात किया गया है।

उन्होंने बताया कि तुर्किये में 3000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से 1800 इस्तांबुल और 250 अंकारा के आसपास हैं। भारतीय इस त्रासदी में सुरक्षित हैं।

एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने बताया कि भारत मांग के अनुसार मदद पहुंचा रहा है। वर्तमान में एनडीआरएफ की टीम केवल तुर्किये में है। उन्होंने बताया कि भारत और स्पेन की टीम एक क्षेत्र में काम कर रही हैं।

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