हवाई जहाज की यात्रा में 10 मिनट का विलंब कितना महंगा पड़ सकता है, इसका एहसास जापान के उन 335 यात्रियों को हुआ, जो सात घंटे हवा में रहने के बाद भी गंतव्य तक नहीं पहुंच सके। जापान के फकुओका हवाई अड्डे पर उतरने की अनुमति न मिलने के कारण इस विमान को वापस लौट कर ओसाका हवाई अड्डे पर उतरना पड़ा।
जापान की प्रमुख विमानन कंपनी जापान एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या जेएल331 ने टोक्यो के हानेडा एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। इस विमान को फुकुओका हवाई अड्डे पर उतरना था। 335 यात्रियों को लेकर यह विमान फुकुओका हवाई अड्डे तक पहुंच तो गया, किन्तु दस मिनट का विलंब भारी पड़ गया।
इस कारण नहीं मिली लैंडिंग की इजाजत
-दरअसल, फुकुओका हवाई अड्डे पर रात 10 बजे के बाद विमान उतारने की अनुमति नहीं मिलती है। इसके बाद वहां विमान सेवाओं के लिए कर्फ्यू लागू हो जाता है। दस मिनट विलंब हो जाने के कारण फुकुओका पहुंचने तक दस बज चुके थे। वहां समय पूरा हो जाने और ज्यादा विमानों के चलते इस विमान को फुकुओका में उतरने की अनुमति नहीं मिली और इसे वापस लौटना पड़ा।
-फुकुओका में वापस न लौट पाने पर निकट के ही कितकयुशु शहर में विमान को उतारने का प्रयास किया गया, किन्तु वहां यात्रियों को ले जाने के लिए बस उपलब्ध नहीं थी। कितकयुशु में भी विमान न उतर पाने पर जापान के विमानन अधिकारियों ने विमान को वापस टोक्यो ले जाने का फैसला किया। इसके बाद विमान टोक्यो के हानेडा हवाई अड्डे के लिए रवाना किया गया, किन्तु तभी विमान में ईंधन कम होने की जानकारी मिली। इस पर विमान को ओसाका हवाई अड्डे पर उतारने का फैसला किया गया।
इस दौरान विमान पर सवार 335 यात्री खासे परेशान रहे। सात घंटे तक हवा में रहने के बाद भी ये यात्री गंतव्य तक नहीं पहुंच सके। उन्हें ओसाका में रुकवाया गया और फिर सुबह की फ्लाइट से फुकुओका भेजने की बात कही गयी।
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