महाराष्ट्र के मंत्री पर स्याही फेंकने का मामलाः ‘इतने’ पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज

चंद्रकांत पाटील ने पुणे में ही 9 दिसंबर को एक कार्यक्रम में कहा था कि हम सरकार पर निर्भर क्यों रहते हैं? कर्मवीर भाऊराव पाटिल, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर और महात्मा फुले ने इस देश में स्कूल शुरू किए।

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पुणे जिले के पिंपरी शहर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर स्याही फेंकने के मामले में रविवार को 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में आठ कांस्टेबल और तीन पुलिस अधिकारी शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार 10 दिसंबर की शाम को पुणे जिले के पिंपरी शहर में एक कार्यक्रम में चंद्रकांत पाटील पर स्याही फेंकी गई थी। इसके बाद पुलिस ने तीन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। मंत्री पाटील ने इन कार्यकर्ताओं पर किसी भी तरह की कार्रवाई न करने की अपील की थी। इसके बावजूद पिंपरी शहर पुलिस के आयुक्त ने इस घटना को गंभीरता से लिया और 11 दिसंबर को 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।

ये है मामला
दरअसल, पाटील ने पुणे में ही 9 दिसंबर को एक कार्यक्रम में कहा था कि हम सरकार पर निर्भर क्यों रहते हैं? कर्मवीर भाऊराव पाटील, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर और महात्मा फुले ने इस देश में स्कूल शुरू किए। सरकार ने स्कूल शुरू करते समय उन सभी को सब्सिडी नहीं दी। इन लोगों ने भीख मांगी। चंद्रकांत पाटील के इसी व्यक्तव्य के बाद पूरे राज्य में माहौल गरमा गया था। इसी व्यक्तव्य का विरोध करते हुए मनोज गरबाड़े व उसके दो साथियों ने चंद्रकांत पाटिल पर शनिवार शाम को स्याही फेंक दी थी।

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