Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण 146 सड़कें बंद, कई जगह सुविधाएं ठप

हिमाचल प्रदेश में मानसून से अब तक 1140 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। लोकनिर्माण विभाग में सबसे ज्यादा 502 करोड़ और जलशक्ति विभाग में 469 करोड़ की क्षति हुई है।

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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मानसून (Monsoon) की सक्रियता से बादल जमकर बरस रहे हैं। राज्य के विभिन्न भागों में बीती रात से बारिश (Rain) का दौर जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला (Meteorological Center Shimla) ने आगामी 21 अगस्त तक भारी वर्षा की चेतावनी दी है। मैदानी और मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा का येलो अलर्ट (Yellow Alert) जारी किया गया है। उधर, प्रदेश में हो रही बारिश के दौरान कई जगह भूस्खलन होने से सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। इसके साथ ही बड़ी संख्या में ट्रांसफार्मरों के खराब होने से बिजली गुल है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, सोमवार सुबह तक प्रदेश भर में 146 सड़कें भूस्खलन से बंद हैं। शिमला जिला में 48, मंडी में 43, कुल्लू में 33, कांगड़ा में 10, सोलन में पांच, किन्नौर में दो और बिलासपुर व ऊना में एक-एक सड़क बाधित है। हालांकि राज्य के सभी राष्ट्रीय उच्च मार्गों व राज्य उच्च मार्गों पर वाहनों की आवाजाही जारी है। भारी वर्षा से पूरे प्रदेश में 301 ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं। इनमें मंडी में 151, चम्बा में 83, हमीरपुर में 33, कुल्लू में 29 और किन्नौर में पांच ट्रांसफार्मर शामिल हैं। इसके अलावा कुल्लू में 19 व बिलासपुर में एक पेयजल परियोजना भी बंद है।

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मौसम विभाग के अनुसार, बिलासपुर जिला के नैनादेवी में सबसे ज्यादा 142 मिमी वर्षा रिकार्ड हुई है। वहीं, कांगड़ा के बैजनाथ में 120, गुलेर में 78, घाघस में 60, बिलासपुर सदर में 60, जोगिन्दरनगर में 57, भराड़ी में 50, पालमपुर में 47, कांगड़ा में 44 और धर्मशाला में 42 मिमी वर्षा हुई।

नदी-नाले उफान पर हैं
अगस्त महीने में प्रदेश में सामान्य से नौ फीसदी अधिक बरसात हुई है। इससे नदी-नाले उफान पर हैं। राज्य के विभिन्न बांधों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन भारी वर्षा के मद्देनजर लोगों को भूस्खलन सम्भावित इलाकों की यात्रा न करने और नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी है।

बाढ़ व भूस्खलन की 86 घटनाएं
हिमाचल प्रदेश में मानसून से अब तक 1140 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। लोकनिर्माण विभाग में सबसे ज्यादा 502 करोड़ और जलशक्ति विभाग में 469 करोड़ की क्षति हुई है। मानसून सीजन के पिछले 52 दिनों में बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की 86 घटनाएं सामने आई हैं। इनमें 34 लोगों की मौत हुई और 33 लापता हैं। 31 जुलाई की रात्रि शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी।

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