अफगानिस्तान में विस्फोट का सिलसिला थम नहीं रहा है। 30 नवंबर को उत्तरी अफगानिस्तान के एक मदरसे में भीषण विस्फोट हुआ। इस विस्फोट की चपेट में आने से 18 लोगों की मौत हो गयी और कम से कम 36 लोग घायल हो गए। घायलों में कई अत्यधिक गंभीर हैं, इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तरी अफगानिस्तान के सामनगन प्रांत की राजधानी ऐबक 30 नवंबर को धमाके का निशाना बनी। वहां के एक मदरसे में नमाज के बाद अचानक तेज धमाके हुए। नमाज के लिए मदरसे के विद्यार्थियों के अलावा अन्य लोग भी जुटे थे। धमाका होते ही वहां भगदड़ मच गई किन्तु जब तक लोग समझ पाते, वहां लाशें बिछी हुई थीं।
18 लोगों की मौत
प्राथमिक जानकारी के अनुसार वहां 18 लोगों की मौत मौके पर ही हो गयी। बड़ी संख्या में लोग जख्मी भी हुए हैं। जख्मी हालत में 36 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घायलों में कई लोग अत्यधिक गंभीर बताए जा रहे हैं।अधिकारियों व चिकित्सकों का कहना है कि इनमें से कुछ और लोगों की मृत्यु हो सकती है, इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। अन्य घायलों में कुछ ऐसे हैं, जो यदि ठीक भी हो गए तो जीवन भर विकलांगता का दंश झेलने को विवश होंगे।
मरने वालों में अधिकांश मदरसे के छात्र
अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों के प्रवक्ता अब्दुल नफी टकोर ने बताया कि विस्फोट में मरने वालों में ज्यादातर मदरसे के छात्र थे। धमाके की सूचना के बाद उनके परिजन मदरसे में पहुंचे तो वहां चीख-पुकार का आलम मचा हुआ था। अभी तक इस धमाके की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है किन्तु माना जा रहा है कि यह धमाका भी इस्लामिक स्टेट की स्थानीय इकाई द्वारा अंजाम दिया गया होगा। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद से लगातार वहां धमाके हो रहे हैं, जिन्हें इस्लामिक स्टेट का स्थानीय मॉड्यूल ही अंजाम दे रहा है।