कसारा-सीएसएमटी लोकल ट्रेन (Kasara-CSMT Local Train) में 20 लाख रुपए की नकदी (Cash) से भरा बैग (Bag) मिलने से सनसनी मच गई। जहां कल्याण रेलवे पुलिस (Kalyan Railway Police) ने नकदी जब्त कर ली और बैग के असली मालिक की तलाश की, वहीं कई लोग पुलिस स्टेशन (Police Station) आए और पैसों से भरे बैग पर दावा करने की कोशिश की। हालांकि, 24 घंटे बाद इस बैग के असली मालिक का पता चल गया है और पुलिस ने बताया है कि आयकर विभाग (Income Tax Department) से जवाब मिलने के बाद बैग को असली मालिक को सौंप दिया जाएगा।
नासिक के मराठी युवाओं के एक समूह ने देव दर्शन के बाद कसारा से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के लिए लोकल ट्रेन ली थी। 15 लोगों का यह समूह कल्याण रेलवे स्टेशन पर उतरा, उस समय समूह में से एक व्यक्ति कल्याण रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के रैक पर एक बैग लेकर उतर गया, क्योंकि वह किसी और का बैग था। समूह में सभी ने अपना बैग वापस ले लिया, एक बैग रह गया था, सभी ने एक दूसरे से पूछा कि बैग किसका है लेकिन यह समूह का बैग नहीं था।
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हर कोई तब हैरान रह गया जब समूह में से एक ने यह जांचने के लिए बैग की चेन खोली कि बैग में उसके मालिक की पहचान करने के लिए कुछ है या नहीं, यह महसूस करते हुए कि हमने गलती से किसी और का बैग उठा लिया है। बैग में नोटों का बंडल देखकर हर कोई दंग रह गया, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में पैसे देखकर समूह में से किसी ने भी अपना मन नहीं बदला और सभी ने सोचा और बैग को कल्याण रेलवे पुलिस को सौंप दिया बैग में मौजूद नकदी की गिनती की गई तो बैग में 20 लाख रुपये मिले, साथ ही कुछ कपड़े और जरूरी सामान भी मिला, लेकिन बैग में ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे बैग के मालिक की पहचान हो सके।
कल्याण रेलवे पुलिस ने कसारा और कल्याण के बीच रेलवे स्टेशन के सभी सीसीटीवी फुटेज हासिल कर लिए हैं। इसी बीच यह खबर हवा की तरह फैल गई कि पुलिस को रुपयों से भरा बैग मिला है, कुछ लोग रेलवे पुलिस थाने में उस बैग को अपना बताने भी आए, लेकिन पुलिस के सवालों की बौछार से उनकी पोल खुल गई और वे थाने से चला गया। आखिरकार बुधवार को एक व्यक्ति पुलिस स्टेशन आया और उसने बैग को अपना बताया और पुलिस द्वारा पूछे गए सभी सवालों का शांति से जवाब दिया। पुलिस को यकीन हो गया लेकिन 20 लाख रुपये का मामला होने के कारण पुलिस ने तुरंत बैग उसे नहीं सौंपा, सीसीटीवी फुटेज की जांच की और कसारा स्टेशन के फुटेज में पैसों से भरा बैग उसी व्यक्ति के पास दिखा।
जब पुलिस ने उससे उसकी सारी जानकारी मांगी तो उसने अपना नाम बताया और उसका परिवार गिरगांव में रहता है, उसका धुले में सोलर का बिजनेस है और वह बिजनेस का कैश लेकर मुंबई जा रहा था, धुले से उसने चालीसगांव में एक रिश्तेदार का काम पूरा किया और संभाजीनगर गए, वहां से वह कसारा आए और कसारा से मुंबई पहुंचने के लिए उन्होंने लोकल ट्रेन ली, उन्होंने अपना नोटों से भरा बैग ट्रेन की रैक पर रखा, यात्रा से थककर वह ट्रेन में सो गए, और जब उठे डोंबिवली में वह यह देखकर हैरान रह गया कि बैग रैक पर नहीं था, उसने ट्रेन की तलाशी ली, लेकिन बैग नहीं मिला। दोस्तों को कॉल कर बताया दोस्तों की सलाह पर वह सीएसएमटी रेलवे पुलिस स्टेशन पहुंचा और बैग के बारे में पूछताछ की। सीएसएमटी पुलिस ने उन्हें कल्याण रेलवे पुलिस स्टेशन में पूछताछ करने के लिए कहा। व्यवसायी कल्याण रेलवे पुलिस स्टेशन आया और पाया कि बैग पुलिस की हिरासत में था और उसकी जान चली गई।
उन्होंने पुलिस को बताई गई हर बात की पुष्टि की और पुष्टि की कि बैग का असली मालिक वही व्यक्ति है, लेकिन पुलिस ने इस नकदी के संबंध में आयकर विभाग से संपर्क किया है और जब तक आयकर विभाग को इस संबंध में सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है। बैग कल्याण रेलवे पुलिस की हिरासत में रहेगा। कल्याण रेलवे पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पंढरीनाथ कांडे ने कहा कि इसे मूल मालिक को सौंप दिया जाएगा। (Kalyan News)
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