उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ढही निर्माणाधीन सुरंग के अंदर अभी भी मजदूर फंसे हुए हैं। मलबे में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पिछले 48 घंटों से बचाव कार्य चल रहा है, लेकिन अब तक एक भी मजदूर को बाहर नहीं निकाला जा सका है।
उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर निर्माणाधीन सिल्क्यारा टनल ढहने से 40 लोग करीब 60 मीटर मलबे में फंसे हुए हैं। सोमवार (13 नवंबर) को सर्किल ऑफिसर प्रशांत कुमार ने बताया था कि मलबा करीब 60 मीटर गहरा है। जैसे-जैसे हम मलबा हटा रहे हैं, ऊपर से मलबा गिर रहा है। हमने करीब 15-20 मीटर मलबा हटा दिया है। हर कोई सुरक्षित है। ऑक्सीजन, राशन और पानी भी भेजा जा रहा है।
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रेस्क्यू टीम 48 घंटे में 35 मीटर मलबा नहीं हटा सकी
उत्तरकाशी टनल हादसे पर एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट करमवीर सिंह भंडारी ने कहा था कि टनल में फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए 35 मीटर मलबा हटाया जाएगा। इसके बाद इन्हें आसानी से हटाया जा सकता है। अब हैरानी की बात ये है कि क्या रेस्क्यू टीम 48 घंटे में 35 मीटर मलबा नहीं हटा पाई और यदि ऐसा नहीं कर सका तो क्यों? यदि रेस्क्यू टीम के पास टीम है तो उसकी संख्या क्यों नहीं बढ़ाई जा रही है।
लगभग 40 मजदूरों की मौत
आपको बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह 4 बजे अचानक टूट गया, जिससे इसमें काम कर रहे लगभग 40 मजदूरों की मौत हो गई। अंदर फंस गया, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
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