Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश में 37 दिनों में बादल फटने और बाढ़ की 47 घटनाएं, 10 की मौत; कई लापता

परिचालन केंद्र की रिपोर्ट में मानसून सीजन के पिछले 37 दिनों में प्रदेश में फ़्लैश फ्लड, भूस्खलन व बादल फटने की 47 घटनाएं सामने आई हैं।

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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में इस बार भी मानसून (Monsoon) तबाही मचा रहा है। पिछले साल की तरह इस साल भी मानसून ने प्रदेशवासियों को गहरे जख्म दिये हैं। राज्य के कई हिस्सों में मूसलाधार वर्षा का तांडव देखने को मिला है। बाढ़ (Flood) व भूस्खलन (Landslide) ने परिवार के परिवार खत्म कर दिए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (State Emergency Operations Centre) के आंकड़े स्तब्ध करने वाले हैं।

परिचालन केंद्र की रिपोर्ट में मानसून सीजन के पिछले 37 दिनों में प्रदेश में फ़्लैश फ्लड, भूस्खलन व बादल फटने की 47 घटनाएं सामने आई हैं। राज्य के 22 स्थानों पर फ़्लैश फ्लड ने कहर बरपाया, 17 स्थानों पर भूस्खलन और आठ जगह बादल फटने से तबाही हुई। इनमें 10 लोगों की जान गई और 46 लापता हो गए। चार लोग घायल हैं।

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आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, बादल फटने की अलग-अलग घटनाओं में 120 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें 64 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए जबकि 37 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचाया। फ्लैश फ्लड ने 18 और भूस्खलन ने एक घर को धराशायी किया। फ्लैश फ्लड, भूस्खलन और बादल फटने से 14 दुकानें भी बह गईं। इससे 24 पशुशालाएँ भी ध्वस्त हुईं और 54 मवेशियों की जान गई।

बादल फटने की ज्यादातर घटनाएं शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में सामने आईं। 31 जुलाई की रात इन तीन जिलों में बादल फटने से 10 लोग मारे गए और 45 लापता हैं। शिमला जिला के रामपुर उपमण्डल का समेज गांव बादल फटने से पूरी तरह तबाह हो गया। हादसे में 36 लोग लापता हैं।

शिमला के समसे में चौथे दिन भी तलाशी अभियान जारी
शिमला के समेज में बादल फटने की घटना के बाद लापता 36 लोगों को ढूंढने का कार्य रविवार को लगातार चौथे दिन जारी है। सर्च ऑपरेशन के तीसरे दिन भी लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिल पाया था। ऐसे में अब सर्च ऑपरेशन में लाइव डिटेक्टर डिवाइस और स्निफर डॉग की मदद ली जा रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ पुलिस, आईटीबीपी, होमगार्ड के जवान करीब 85 किलोमीटर एरिया में सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं।

होमगार्ड कमांडेंट आरपी नेपटा ने बताया कि बीती शाम रिव्यू मीटिंग हुई है। जिसमें सभी रेस्क्यू दलों को अलग-अलग टास्क दिए गए हैं। बीते कल पुल बनाने में नदी पार करने में कुछ समय जरूर लगा लेकिन आज बैली ब्रिज बनाए जा रहे हैं। सर्च ऑपरेशन के चौथे दिन संभावना है कि अधिक से अधिक शवों को निकाल लिया जाएगा।

अगले चार दिन भारी वर्षा की चेतावनी, येलो अलर्ट
राज्य में पिछले 24 घण्टों के दौरान भारी बारिश में कमी आने से लोगों ने राहत की सांस ली है। बिलासपुर के बरठीं में 19 और कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में 14 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। इसके अलावा कांगड़ा व कुकुमसेरी में नौ-नौ और मनाली में छह मिलीमीटर वर्षा हुई। राजधानी शिमला सहित राज्य के अधिकांश हिस्सों में आज सुबह से बादल छाए हुए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आगामी 10 अगस्त तक राज्य में मौसम के खराब रहने का अनुमान जताया है। आठ अगस्त तक राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विभाग ने लोगों व सैलानियों को नदी-नालों से दूरी बनाए रखने और भूस्खलन सम्भावित इलाकों की यात्रा न करने की हिदायत दी है। (Himachal Flood)

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