एंटीबायोटिक्स (Antibiotics), पैरासिटामोल (Paracetamol) और डायबिटीज (Diabetes), ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) की दवाओं (Medicine) समेत 53 दवाएं गुणवत्ता परीक्षण (Quality Testing) में फेल हो गई हैं। देश की सबसे बड़ी दवा नियामक संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (Central Drugs Standard Control Organisation) ने बुधवार को इन दवाओं की सूची जारी की, इस सूची में विटामिन सी और डी-3 टैबलेट शैलैक, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी सॉफ्टजेल, एंटासिड पैन-डी, पैरासिटामोल टैबलेट शामिल हैं। आईपी 500 एमजी, मधुमेह दवा ग्लिमेपाइराइड और उच्च रक्तचाप दवा टेल्मिसर्टन भी गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहे हैं।
प्रतिबंधित दवाओं की सूची में क्लोनाज़ेपम टैबलेट, दर्द निवारक डाइक्लोफेनाक, सांस की दवा एंब्रॉक्सोल, एंटीफंगल फ्लुकोनाज़ोल और कुछ मल्टीविटामिन और कैल्शियम टैबलेट भी शामिल हैं। इन दवाओं का निर्माण हेटेरो ड्रग्स, अल्केम लैबोरेटरीज, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियां करती हैं। इससे पहले चालू वर्ष में अगस्त में 156 निश्चित खुराक संयोजन दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में कुछ ऐसी दवाइयां का खुलासा हुआ है, जो इलाज के लिए आमतौर पर इस्तेमाल होती हैं. हालांकि, ये दवाएं क्वालिटी चेक में फेल हो गई हैं#Medicine #Pharmacy #CDSCO #Paracetamol #ABPNews #LatestNews #Hindinews #Qualitytest pic.twitter.com/OL8oYsGrm6
— Rajaji Bundelkhand 💞 Kushwaha Ji (@Surendr05706637) September 26, 2024
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53 में से 5 दवाएं नकली!
हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित पेट संक्रमण की दवा मेट्रोनिडाजोल भी परीक्षण में विफल रही। टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स की शेलकैल टैबलेट भी परीक्षण में विफल रही। परीक्षण में विफल रहीं 53 दवाओं में से 5 नकली थीं। दवा निर्माता कंपनियों का कहना है कि ये नकली दवाएं हम नहीं बनाते बल्कि हमारे नाम से बाजार में खपाई जाती हैं।
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