ब्रिटेन के एक न्यायालय के फैसले के बाद लंदन स्थित आलीशान घर पर विजय माल्या परिवार का कब्जा बरकरार रहेगा। न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि पारिवारिक ट्रस्ट कंपनी द्वारा कर्ज की रिफाइनेंसिंग शराब कारोबारी के खिलाफ जारी विश्वव्यापी जब्ती आदेश का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
माल्या परिवार के ट्रस्ट से जुड़ी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड की कंपनी रोज कैपिटल वेंचर्स ने लंदन उच्च न्यायालय में इस बाबत अर्जी दाखिल की थी। इस पर पिछले 5 मार्च को सुनवाई हुई। इस ट्रस्ट के पास मध्य लंदन में कार्नवाल टेरेस अपार्टमेंट है।
न्यायालय ने यह कहाः
जज सिमोन रेनी क्यूसी ने फैसला सुनाया कि रिफाइनेंसिंग एक स्वीकार्य लेनदेन है। इसका मतलब लंदन की एक प्रमुख संपत्ति में निवेश करने से है। न्यायाधीश ने कहा कि प्रस्तावित लेन देन उचित है। माल्या और उनका परिवार मार्च 2017 से ही कार्नवाल टेरेस अपार्टमेंट पर कब्जा बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा था। माल्या की मां ललिता और बेटा सिद्धार्थ इस मामले में सह अभियुक्त हैं।
9000 करोड़ का घोटालेबाज
बता दें कि विजय माल्या को 9000 करोड़ के बैंक घोटाले में भारतीय एजेंसियों द्वारा भगोड़ा घोषित किया गया है। जांच एजेंसियों की कोशिश उसे भारत लाने की है। लेकिन इस में उसे अभी तक अधिक सफलता नहीं मिली है। हालांकि भारत में उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और अब तक कई संपत्तियों को जब्त कर नीलाम किया गया है। इससे प्राप्त 5 हजार करोड़ से अधिख रकम बैंकों को वापस दी गई है।