केंद्र सरकार (Central Government) वक्फ बोर्ड अधिनियम (Waqf Board Act) का नया बिल (New Bill) पेश करेगी। मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) इसको पहले ही अपनी मंजूरी दे चुकी है। आगामी लोकसभा (Lok Sabha) के सत्र में इसे पेश किया जाएगा ।
नए बिल का प्रारूप
नए वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन के अनुसार, किसी जमीन को अपनी संपत्ति यानी वक्फ की संपत्ति बताने वाली शक्ति पर रोक लगेगी। मोदी कैबिनेट पहले ही वक्फ कानून से जुड़े 40 संसाधनों पर विस्तृत चर्चा करके इसे अपनी मंजूरी दे चुकी है। प्रस्तावित नए बिल में वक्फ बोर्ड के कानून से जुड़ी हुई कई धाराएं हटाई जा सकती है।
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क्या है वक्फ बोर्ड?
वक्फ बोर्ड का शाब्दिक अर्थ है ‘अल्लाह के नाम’ । इस कानून के तहत मुस्लिम धर्म को देश के कानून से नहीं अपितु अल्लाह के नाम से न्याय मिलता है। मसलन ऐसी जमीन है जो किसी संस्था किसी व्यक्ति के नाम नहीं है। उस जमीन के बारे में फैसला वक्फ बोर्ड करता है। वक्फ बोर्ड में एक सर्वेयर होता है। यह सर्वेयर ही तय करता है की कौन सी भूमि वक्फ बोर्ड के तहत आती है। इसको निर्धारण करने के लिए मूलत: तीन आधार होते हैं। मसलन अगर किसी व्यक्ति ने या संस्था ने अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड के नाम कर दी है या दूसरा कोई मुसलमान या मुसलमान की संस्था जमीन का लंबे समय से उपयोग कर रही है या फिर भूमि दस्तावेजों में जमीन का वक्फ बोर्ड की संपत्ति होना साबित हुआ चुका है। वक्फ बोर्ड बनाने का उद्देश्य मुस्लिम समाज की जमीनों पर नियंत्रण रखने के लिए बनाया गया था और इसका उद्देश्य रखा गया था कि इन जमीनों का बेजा इस्तेमाल ना हो।
वक्फ बोर्ड को दी गई कई शक्तियां
सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि अगर आपकी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया गया है। तो आप उस जमीन को लेकर अदालत में याचिका नहीं लगा सकते। इसके लिए आपको वक्फ बोर्ड के सामने ही अपनी याचिका लगानी होगी। वक्फ बोर्ड का फैसला अगर आपके खिलाफ आया उसके बाद भी आप अदालत नहीं जा सकते। इसके लिए आपको वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल में जाना होगा। इस ट्रिब्यूनल में प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। वक्फ बोर्ड में शक्ति निहित है कि ट्रिब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती।
कांग्रेस के शासन में मिला वक्फ बोर्ड को अपार शक्तियां
वर्ष 1995 में कांग्रेस सरकार ने वक्फ बोर्ड को असीमित शक्तियां दे दी। वक्फ एक्ट 1995 का क्षेत्र 3 आर के अनुसार, अगर कोई संपत्ति किसी भी उद्देश्य के लिए मुस्लिम कानून के मुताबिक पवित्र, धार्मिक या चैरिटेबल है तो वह वक्फ की संपत्ति हो जाएगी वक्फ एक्ट 1995 का आर्टिकल 40 कहता है यह जमीन किसकी है यह वक्फ का सर्वेयर और वक्फ बोर्ड तय करेगा। बाद में वर्ष 2013 में एक नया संशोधन पेश किया जिसमें वक्फ से संबंधित मामलों में असीमित और पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त हुई।
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