आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ (Terrorist Organization ‘Jaish-e-Mohammed’) की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि भारत (India) में हमले करने के लिए मुस्लिम युवाओं (Muslim Youth) को ‘सोशल प्लेटफॉर्म’ (Social Platform) के जरिए ट्रेनिंग दी जा रही है। जानकारी सामने आई है कि जैश-ए-मोहम्मद का फरहतुल्ला गौरी (Farhatullah Gauri) एक ऐसे ग्रुप का नेतृत्व कर रहा है जो युवाओं (Youth) को संगठन में भर्ती करता है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी और राज्य एटीएस ने पिछले हफ्ते पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 26 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें एनआईए ने महाराष्ट्र के मालेगांव, संभाजी नगर और जालना से कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया और उनसे गहन पूछताछ की। असम, महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर राज्य में 26 स्थानों पर छापेमारी के बाद शेख सुल्तान सलाह उद्दीन अय्यूबी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया, जबकि महाराष्ट्र से गिरफ्तार संदिग्धों को नोटिस और देश न छोड़ने और पेश होने की शर्त पर रिहा कर दिया गया।
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ऑनलाइन जिहादी बनने का प्रशिक्षण
बताया गया है कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा एक संदिग्ध देश के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और आतंकवाद संबंधी दुष्प्रचार फैलाने में शामिल था। चौंकाने वाली बात यह है कि जैश-ए-मोहम्मद नेता फरहतुल्ला गौरी पाकिस्तान के एक समूह का नेतृत्व कर रहा है। यह ग्रुप बड़े पैमाने पर सोशल प्लेटफॉर्म पर काम कर रहा है, इस ग्रुप से भारत के मुस्लिम युवा घिरे हुए हैं, टेलीग्राम, इंस्टाग्राम आदि सोशल प्लेटफॉर्म पर यह ग्रुप युवाओं को अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहा है और उन्हें ऑनलाइन जिहादी बनने की ट्रेनिंग देकर तैयार कर रहा है।
भारत में हिंसक आतंकवादी हमले करने के लिए प्रेरित
पता चला है कि इस ग्रुप ने सोशल प्लेटफॉर्म की मदद से भारत में एक स्लीपर सेल बनाया है, यह स्लीपर सेल इसी ग्रुप के लिए काम कर रहा है। सूत्रों से चौंकाने वाली जानकारी मिली है कि मुस्लिम युवा आतंकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद से प्रेरित हैं। मोहम्मद को जमात संगठन में भर्ती किया जा रहा है। एनआईए की जांच में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि इन संदिग्ध युवाओं को पूरे भारत में हिंसक आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। आतंकी संगठन में इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डॉक्टर शामिल हैं। भारत में यूनानी और आयुर्वेदिक डॉक्टरों और इस संगठन पर अंतरराष्ट्रीय एप्लिकेशन का उपयोग करके एक-दूसरे को संदेश भेजने पर प्रतिबंध है। हालांकि असल में कोई किसी के संपर्क में नहीं है, लेकिन जानकारी सामने आई है कि सोशल मीडिया के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है। (Jaish-e-Mohammed)
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