पातालकोट एक्सप्रेस में लगी भीषण आग, गेटमैन यशपाल सिंह की सूझबूझ से बची सैकड़ों जान

आगरा के पास पातालकोट एक्सप्रेस के कोच में आग लग गई। इस हादसे के बाद रेलवे ने ओवर हेड इलेक्ट्रिक लाइन काट दी, जिसके बाद कई ट्रेनें प्रभावित हुईं।

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Photo : Social Media

आगरा कैंट रेलवे स्टेशन (Agra Cantt Railway Station) से बुधवार दोपहर को ग्वालियर (Gwalior) जा रही ट्रेन के दो डिब्बों से धुआं (Smoke) और आग (Fire) की लपटें उठ रही थीं। यात्री डिब्बे से कूद रहे थे। भांडई रेलवे स्टेशन (Bhandai Railway Station) के पास गेटमैन यशपाल सिंह (Gateman Yashpal Singh) ने आग की लपटें और धुआं देखा तो, वो डर गए। सोचने लगे कि न जाने कितनी जिंदगियों को मौत ले जाएगी। परंतु उन्होंने बिजली जैसी तेजी दिखाकर भांडई के रटेशन मास्टर को फोन किया। ट्रेन को रोका गया।

हालांकि, इस हादसे में 11 लोग आग की चपेट में आकर झुलस गए। लेकिन उनकी जान बच गयी। घायल यात्रियों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। वहीं, रेलवे प्रशासन मौके पर पहुंचा और स्थानीय लोगों की मदद से ट्रेन के डिब्बों में लगी आग को बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका।

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दो दर्जन से अधिक यात्री कूद गये
जब तक ब्रेक लगाया गया, तब तक कई यात्री अपनी जान बचाने के लिए कूद चुके थे। ट्रेन रुकने के कुछ ही देर में धुएं और आग की लपटों ने दोनों डिब्बों को अपनी चपेट में ले लिया और उन्हें राख में तब्दील कर दिया। हादसे में दो दर्जन से अधिक यात्री कूदकर या तो झुलस गए या घायल हो गए। आग लगने के वक्त ट्रेन की स्पीड सिर्फ 15 किलोमीटर प्रति घंटा थी, जिसकी वजह से आग तेजी से नहीं फैल सकी।

यशपाल सिंह ने बहादुरी दिखाई
सेना से सेवानिवृत्त और भारतीय रेलवे में गेटमैन के पद पर कार्यरत यशपाल सिंह ने बताया कि पातालकोट ट्रेन 3.35 मिनट पर भांडई स्टेशन पहुंची। उन्होंने ट्रेन के चौथे कोच से धुआं उठता देखा। ये जनरल बोगी थी। लेकिन ट्रेन में मौजूद किसी भी यात्री को इस बात का अंदाजा नहीं था कि वहां क्या हो रहा है। उन्होंने कहा, “जैसे ही मैंने धुआं देखा, मैंने स्टेशन मास्टर हरिदास को सूचित किया। इसके बाद हरिदास ने नियंत्रण कक्ष को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद ट्रेन नियंत्रक ने तुरंत ओएचई (ओवर हेड इक्विपमेंट) प्रभारी को बिजली आपूर्ति बंद करने का निर्देश दिया।” सभी ट्रेनों को अप और डाउन दिशा में चलाने और ट्रेन को तुरंत रोकने के लिए कहा गया है।

बचावकर्मी मौके पर पहुंचे
ट्रेन को दोपहर 3.37 बजे रोका गया। तब तक आग तेजी से फैलने लगी। यात्री जान बचाने के लिए ट्रेन से बाहर निकलने लगे। बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा था। लेकिन यह जिंदगी का सवाल था। तभी कुछ लोग खिड़की से भी कूद गये। मौके पर फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, आरपीएफ और स्पार्ट पहुंची।

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