बिहार के लखीसराय जिले में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में एक नक्सली को मार गिराया गया है। लखीसराय के पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने इस मुठभेड़ के बारे में बाताते हुए कहा कि यह घटना चानन थाना क्षेत्र में घटी है। वहां कोड़ासी के जंगल में नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई।
मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों के जंगल में छिपे होने की गुप्त सूचना मिली थी। उसके बाद पुलिस टीम वहां पहुंच गई। इसी दरम्यान नक्सलियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में एक नक्सली मारा गया, जबकि बाकी भागने में सफल हो गए। मारे गए नक्सली के बारे में पुलिस को अभी तक ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है।
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पिछले 10 वर्षोंं मे नक्सली गतिविधियों में कमी
पिछले कुछ वर्षों में बिहार में नक्सली घटनाएं काफी कम हो गई हैं। फिर भी बीच-बीच में इस तरह की घटनाएं घटते रहती हैं। इससे पहले 13 जनवरी को मुंगेर जिले के बरियारपुर में एक मानसिक अवसादग्रस्त होमगार्ड के जवान पर नक्सली समझकर पुलिस ने फायरिंग कर दी थी। इस घटना में उसकी मौत हो गई थी। रात में जवान की हरकत को पुलिस ने नक्सली हमला समझ लिया था और गलतफहमी में की गई फायरिंग में उसकी मौत हो गई थी।
मुख्य नक्सली हमले
- 19 फरवरी 2020 को गया जिले के बांकेबाजार थाना क्षेत्र में सोनदहा हाईस्कूल के भवन को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सदस्यों ने डायनामाइट लगाकर ध्वस्त कर दिया था।
- 30 दिसंबर 2018 को औरंगाबाद में बड़ा नक्सली हमला हुआ था। इस हमले में 6 गाड़ियों में नक्सलियों ने आग लगा दी थी, जबकि 100 से ज्यादा राउंड फायरिंग की थी। इस हमले में नक्सलियों ने एक वृद्ध की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक वृद्ध को भारतीय जनता पार्टी राजेंद्र कुमार सिंह का चाचा बताया गया था। इस घटना में नक्सलियों ने एक इमारत को भी उड़ा दिया गया था। बीते पांच साल में ये सबसे बड़ा नक्सली हमला था।
- 8 दिसंबर 2018 को पटना जिले के नौबतपुर में एक नक्सली की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसे जहनाबाद जेल ब्रेक कांड का आरोपी बताया गया था। उसका नाम उदय यादव बताया गया था। वह प्रतिबंधित संगठन पीपल्स वॉर ग्रुप का सदस्य था। वह पास के दरियापुर गांव में छिपकर रह रहा था। घटना के दिन वह कहीं बाहर जा रहा था कि अपराधियों ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी।