एसटीएफ के हत्थे चढ़ा माजिद इस तरह बढ़ा रहा था पीएफआई का नेटवर्क!

गोमतीनगर के विभूतिखंड से गिरफ्तार पीएफआई से जुड़े काकोरी निवासी अब्दुल माजिद देर रात को शहर छोड़कर भागने की फिराक में था।

141

लखनऊ विभूतिखण्ड बस अड्डे से गिरफ्तार किया गया अब्दुल माजिद शहर छोड़कर भागने की फिराक में था, लेकिन उसे एसटीएफ ने दबोच लिया। जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से पीएफआई और आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े कई आपत्तिजनक साहित्य बरामद हुए हैं। वह मुस्लिम युवाओं को भड़काकर पीएफआई का नेटवर्क बढ़ा रहा था। इस केस में एटीएस और सुरक्षा एजेंसी अपने स्तर से जांच कर रही हैो, इसको लेकर कोई भी अधिकारिक बयान नहीं आया है।

सूत्रों की माने तो सुरक्षा जांच एजेंसी और एटीएस लगातार पीएफआई से जुड़े लोगों पर शिकंजा कस रही है। इस कार्रवाई के बाद इससे जुड़े लोग अब घर शहर छोड़कर भाग रहे हैं। इसी क्रम में यूपी एसटीएफ ने 25 सितंबर की रात को विभूतिखण्ड बस अड्डे के पास से माजिद नाम के युवक को गिरफ्तार किया है। वह शहर छोड़ने की फिराक में था। जांच एजेंसी उससे पूछताछ कर रही है।

पहले भी हुआ था गिरफ्तार
गोमतीनगर के विभूतिखंड से गिरफ्तार पीएफआई से जुड़े काकोरी निवासी अब्दुल माजिद देर रात को शहर छोड़कर भागने की फिराक में था। लेकिन वह बस अड्डे के पास से ही गिरफ्तार कर लिया गया है। दावा किया गया है कि एटीएस ने डेढ़ साल पहले भी उसे गिरफ्तार किया था, इस वक्त वह जमानत पर चल रहा है।

पीएफआई नेता का दोस्त है माजिद
जांच एजेंसियों के प्राथमिक जांच यह बात सामने आ रही है कि वह पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम अहमद के दोस्त है। वहीं, मदेयगंज से गिरफ्तार मो अहमद बेग के तीन अन्य साथियों की तलाश में टीमें दबिश दे रही हैं।

युवाओं का ब्रेन वॉश कर संगठन से जोड़ा
सूत्रों की माने तो जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार पीएफआई के सदस्य मोहम्मद अहमद बेग से पीएफआई के लिए प्रदेश में फंड जुटा रहा था। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी का सदस्य अहमद बेग विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है। उससे जुड़े सैकड़ों युवक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संस्था का प्रचार प्रसार करने में जुटे थे। उनकी कॉल डिटेल के आधार पर उससे जुड़े 24 लोगों का ब्योरा जुटा रही हैं। उसके पास से मिले इलेक्ट्रानिक डेटा से इसका खुलासा हुआ है। वह कई युवाओं का ब्रेन वॉश कर संगठन से जोड़कर उन्हें केरल, दिल्ली समेत कई राज्यों में होने वाले ट्रेनिंग कैंप में भेज चुका है। अब जांच एजेंसी उसके करीबियों की तलाश में है।

पश्चिम यूपी में बनाया गया 86 वाट्सऐप
देश में नफरत फैलाने का काम करने वाले लोग सोशल मीडिया पर बेहद सक्रिय रहते हैं। अभी तक सुरक्षा एजेंसियों को करीब 250 संदिग्ध अकाउंट मिल चुके हैं, जिनमें धर्म से जुड़ी आपत्तिजनक सामग्री, संगठन को मजबूत करने के प्रचार-प्रसार की चीजें पायी गई हैं। सूत्रों की माने तो पश्चिम यूपी में 86 वाट्सएप ग्रुप होने की बात सामने आई है। हालांकि अभी तक किसी भी अधिकारी का इस केस से जुड़े का कोई भी बयान नहीं आया है। टीमें जांच कर रही हैं, जिसके बाद तथ्यों के साथ खुलासा करेंगे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.