Abdul Rehman: फरीदाबाद (Faridabad) के पाली गांव में आतंकवादी अब्दुल रहमान (terrorist Abdul Rehman) की 10 दिन की रिमांड अवधि समाप्त हो गई है। इस दौरान हरियाणा एसटीएफ (Haryana STF) को कई अहम जानकारी मिली, हालांकि उसके हैंडलर के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई।
बताया गया कि अब्दुल रहमान अपने हैंडलर से टेलीग्राम एप के माध्यम से संपर्क करता था और कभी भी उससे मिलने का मौका नहीं मिला। पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि उसे अयोध्या में हमले को अंजाम देने के लिए 1.05 लाख रुपये की राशि मिली थी।
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दो किस्तों में दी गई रकम
यह रकम उसे दो किस्तों में दी गई थी – एक बार 30 हजार रुपये और दूसरी बार 75 हजार रुपये अयोध्या के पास। अब्दुल ने बताया कि उसे यह रकम एक अजनबी ने मास्क पहनकर लिफाफे में दी थी, पर उस अजनबी के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद उसे टेलीग्राम पर मिशन की जानकारी दी गई और पाली की लोकेशन भेजी गई। बताया गया कि अयोध्या में मिशन पूरा करने के बाद उसे और पैसे दिए जाने थे।
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एसटीएफ की जांच
एसटीएफ ने जांच के बाद यह स्पष्ट किया कि अब्दुल या उसके परिवार के किसी खाते में हैंडलर से कोई पैसे नहीं डाले गए थे। हालांकि, अब्दुल रहमान के हैंडलर की पहचान अब तक एसटीएफ के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। एसटीएफ अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसका साथी स्थानीय है या बाहर का।
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रिमांड अवधि समाप्त
अब, अब्दुल रहमान की रिमांड अवधि समाप्त हो जाने के बाद उसे बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा। अदालत में यह तय किया जाएगा कि उसे फिर से रिमांड पर लिया जाए या फिर न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। ज्ञात हो कि 2 मार्च को अब्दुल रहमान को पाली गांव के एक खेत के पास से गिरफ्तार किया गया था, जहां वह एक बंद पड़े ट्यूबवेल के कोठरे में छिपकर रह रहा था।
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