अमेरिकी सेना के ऑपरेशन में मारा गया आईएस सरगना अबू इब्राहिम आतंकी संगठन को खड़ा करने में जुटा था। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के अनुसार आईएस के 14 से 18 हजार लड़ाके घूम रहे हैं, जिनमें तीन हजार विदेशी हैं।
इराक और सीरिया में हजारों स्थानीय आतंकी ऐसे हैं, जो जनता के बीच परिवार के साथ सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्हें इस्लामिक स्टेट आतंकी संगठन के संगठित होने का इंतजार है, जिसके बाद ये उसमें शामिल हो जाएंगे।
इराक में अपना प्रभाव बढ़ा रहा था आईएस
सूत्रों के अनुसार जनवरी में इराक में बगदाद की सैन्य छावनी और सीरिया में जेल पर हुआ हमला अमेरिका के लिए खतरे की घंटी थी। इराक में आईएस फिर से अपना असर बढ़ा रहा था। पिछले तीन महीनों में इराक में हुए आईएस के 182 हमले इस बात की गवाही देते हैं। यह स्थिति तब है, जब इराक में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी है। इसी के बाद अबू इब्राहिम को मारने की योजना में विलंब नहीं करने का फैसला हुआ। माना गया कि यूक्रेन विवाद बढ़ने और अमेरिका के उसमें व्यस्त होने से पहले ही अबू इब्राहिम पर कार्रवाई पूरी कर ली जाए।
ऐन वक्त पर अमेरिकी हेलीकॉप्टर में आ गई थी खराबी
अमेरिका के विशेष बल की 3 फरवरी को आत्मेह में हुई कार्रवाई के दौरान कमांडो को लेकर आए एक हेलीकाप्टर में तकनीक खराबी आ गई थी। यह हेलीकाप्टर मौके से उड़ने लायक नहीं रह गया था। इसके बाद तत्काल फैसला लेते हुए इस हेलीकाप्टर को वहीं पर नष्ट कर दिया गया। ऐसा ही वाकया पाकिस्तान के एबटाबाद में अल कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मारे जाने के समय हुआ था। उस समय भी अमेरिकी कमांडो के एक हेलीकाप्टर में खराबी आ गई थी। उसे भी मौके पर ही नष्ट कर दिया गया था।