अडानी-हिंडनबर्ग केस (Adani Hindenburg Case) में सेबी (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट से जांच पूरी करने के लिए 6 महीने का और समय मांगा है। सेबी (SEBI)ने कहा है कि, अडानी-हिंडनबर्ग केस (Adani Hindenburg Case) में कई जटिल पहलुओं की जांच होनी है। सेबी (SEBI) ने बताया कि, अमेरिका में ऐसी जांच 9 महीने से लेकर 5 साल तक चलती है।
जांच का है आदेश
अडानी-हिंडनबर्ग केस (Adani Hindenburg Case) में 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेषज्ञ कमेटी बनाकर 2 महीने में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था साथ ही सेबी (SEBI) को भी जांच जारी रखने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को निर्देश दिया था कि सेबी (SEBI) अडानी-हिंडनबर्ग केस (Adani Hindenburg Case) में जांच जारी रखे और ये पड़ताल करे कि सेबी रूल्स की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है कि नहीं। कोर्ट ने सेबी (SEBI) से कहा था कि वो ये जांच करे कि स्टॉक की कीमतों में गड़बड़ी की गई है कि नहीं।
जांच एजेंसियों का अधिकार
कोर्ट ने कहा था कि, अडानी-हिंडनबर्ग केस (Adani Hindenberg Case) में विशेषज्ञ कमेटी, सेबी (SEBI) का जांच का काम नहीं करेगी बल्कि कमेटी वर्तमान रेगुलेटरी ढांचे की पड़ताल करेगी और निवेशकों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अनुशंसाएं करेगी। कमेटी स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव की वर्तमान स्थिति का विस्तृत आकलन कर उनके कारणों की पड़ताल करेगी। कमेटी निवेशकों की जागरुकता के उपायों पर गौर करेगी। कोर्ट ने कहा था कि कमेटी अडानी समूह और दूसरे समूहों की ओर से किए गए कथित उल्लंघनों की जांच करेगी। कोर्ट ने सेबी को निर्देश दिया था कि वो विशेषज्ञ कमेटी को सभी सूचनाएं उपलब्ध कराएं और सभी जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिया था कि वे कमेटी का पूर्ण सहयोग करें।
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