आदित्य एल-1 (Aditya L-1) मिशन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 08 अक्टूबर को बताया कि अंतरिक्ष यान ठीक तरह से काम कर रहा है और यह एल-1 बिंदु की ओर बढ़ रहा है। छह अक्टूबर को अंतरिक्ष यान की दिशा को ठीक करने के लिए ट्रैजेक्टरी करेक्शन मैन्युवर (TCM) की प्रक्रिया की गई, जिसमें 16 सेंकड लगे।
इसरो ने एक्स के जरिए बताया कि टीसीएम 19 सितंबर को किए गए ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट-1 इंसर्शन को ट्रैक करने के बाद यान के पथ को सही करने के लिए यह कदम जरूरी था। टीसीएम के जरिए सुनिश्चित किया गया कि अंतरिक्ष यान एल-1 अपने इच्छित पथ पर सही दिशा में है। जैसे-जैसे आदित्य एल-1 आगे बढ़ता रहेगा, इसका मैग्नेटोमीटर फिर से चालू हो जाएगा।
सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला भारतीय सौर मिशन
उल्लेखनीय है कि आदित्य एल-1, 15 लाख किलोमीटर की दूरी से सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित वेधशाला श्रेणी का भारतीय सौर मिशन (Indian Solar Mission) है। एल-1 बिंदु तक पहुंचने में इसे लगभग 125 दिन लगेंगे। अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन बिंदु 1 (एल-1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इससे पहले इसरो ने बताया था कि अंतरिक्ष यान (Space ship) ने नौ लाख किलोमीटर से अधिक की दूर तय कर ली है।
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