केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जबसे नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में कामकाज संभाला है, उनकी कोशिश क्रियान्वयन एवं कार्यपद्धति में बदलाव लाने की रही है।अच्छे कार्यों के लिए अच्छे वातावरण व सोच की जरूरत होती है।
तोमर ने कहा कि हमारे देश में कृषि की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्थान है। राष्ट्रीय फलक पर देंखे तो वैश्विक मंदी एवं कोरोना के संकटकाल में भी हमारा कृषि क्षेत्र मजबूत बना रहा, इसे सामूहिक प्रयासों से और भी सशक्त बनाया जाएं। हमारे कृषि क्षेत्र ने देश का पेट तो भरा ही, हम दुनिया के कई देशों की मदद भी कर सकें। चिंतन शिविर में विचार होना चाहिए कि सरकार की किसान हितैषी योजनाएं और अधिक पारदर्शी कैसे हों, किसान हित में कामकाज और सरल हों, हमारे लक्ष्य कैसे पूरे हों।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी का लक्ष्य वर्ष 2047 तक अमृतकाल में भारत को विकसित भारत के रूप में प्रतिष्ठित करना है, जिसके लिए जरूरी पैरामीटर्स को फुलफिल करना हमारी जिम्मेदारी है। उसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यह चिंतन किया जा रहा है कि कृषि क्षेत्र में क्या-क्या बढ़ेगा, 2047 में हम कहां खड़े होंगे, उत्पादन क्षमता क्या होगी, उत्पादकता क्या होगी, फसलों के प्रकार क्या होंगे, इस बारे में सोचकर किसानों के साथ समन्वय हमारी जिम्मेदारी है। अमृतकाल में हमें समग्र रूप से विचार करते हुए तय करना पड़ेगा कि सरकार के काम की दिशा व गति क्या होगी। चुनौतियों का आंकलन व उन्हें चिन्हित करते हुए लक्ष्यावधि में काम करते आगे बढ़ना होगा।
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