नीट-यूजी (NEET-UG), नेट (NET) आदि महत्वपूर्ण परीक्षाओं (Examination) के प्रश्न पत्र लीक (Question Paper Leak) होने का मामला सामने आने के बाद हंगामा मच गया है। यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में इस तरह के भ्रम से बचने के लिए संगठन ने कुछ तत्काल कदम उठाए हैं। यूपीएससी ने उन परीक्षाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए परीक्षार्थियों (Candidates) की पहचान करने के लिए चेहरे की पहचान तकनीक के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) द्वारा संचालित सीसीटीवी (CCTV) का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
हर वर्ष करीब 10 लाख उम्मीदवार यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में शामिल होते हैं। देश की प्रशासनिक व्यवस्था को संभालने वाले आईएएस-आईपीएस अधिकारियों का चयन सिविल सेवा परीक्षा के जरिए होता है।
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AI आधारित सीसीटीवी निगरानी के जरिए निगरानी
यूपीएससी के दस्तावेजों के अनुसार, परीक्षाओं की निगरानी के लिए रिकॉर्डिंग और लाइव ब्रॉडकास्ट सिस्टम के साथ-साथ सीसीटीवी वीडियो निगरानी का भी इस्तेमाल किया जाएगा। प्रत्येक परीक्षा हॉल में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। 24 उम्मीदवारों के लिए कम से कम 1 सीसीटीवी कैमरा होगा। इसके अलावा, प्रवेश/निकास द्वार और नियंत्रण कक्ष आदि पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे कृत्रिम बुद्धि आधारित होंगे। ये किसी भी असामान्य गतिविधि पर अलर्ट करेंगे।
14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है यूपीएससी
यूपीएससी एक संवैधानिक निकाय है जो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा सहित 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है। हालांकि, यूपीएससी केंद्र सरकार में ग्रुप ‘ए’ और ग्रुप ‘बी’ पदों पर भर्ती के लिए हर साल कई भर्ती परीक्षाएं और साक्षात्कार भी आयोजित करता है।
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