अखिल भारत हिन्दू महासभा टीले वाली मस्जिद को लक्ष्मण टीला बताकर दावा ठोंक दिया है। वहां पर पूजा करने और सर्वे कराए जाने को लेकर सिविल न्यायालय जूनियर डिवीजन दक्षिणी में मूलवाद दाखिल किया है।
न्यायालय ने वाद पर याची हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी के अधिवक्ता शैलेन्द्र श्रीवास्तव की दलीलों को सुनने के बाद अग्रिम सुनवाई के लिये निर्णय सुरक्षित कर लिया।
ज्ञात हो कि, हिन्दू महासभा बीते कुछ माह से टीले वाली मस्जिद को लक्ष्मण टीला होने का दावा करते हुये आन्दोलन कर रही है। इसके लिये हिन्दू महासभा ने लक्ष्मण टीला मुक्ति संकल्प यात्रा को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी को जेल भी भेजा जा चुका है। हिन्दू महासभा ने लक्ष्मण टीला की मुक्ति के लिये अन्तिम सांस तक लड़ाई लड़ने के लिये प्रतिबद्धता को दोहराते हुए आज न्यायिक रास्ते पर चलकर स्थानीय सिविल न्यायालय जूनियर डिवीजन दक्षिणी में प्रार्थनापत्र दाखिल कर आग्रह किया है कि टीले वाली मस्जिद की खुदाई कर जांच कराई जाए। हिन्दू समुदायों को पूजा करने की अनुमति दी जाए।
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बीते मई माह में अपर न्यायालय ने एक अन्य पक्षकार के वाद में सर्वे के लिये निचली अदालत में जाने के निर्देश दिये थे। वाद दाखिल करने वाले हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष के अधिवक्ता एवं हिन्दू महासभा के विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि हिन्दू महासभा ने सभी पौराणिक तथ्यों के साथ न्यायालय के समक्ष अपनी बात रखी है। उन्हें उम्मीद है कि न्यायालय हिन्दू जनभावनाओं और तथ्यों को ध्यान में देकर निर्णय देगी।
न्यायालय में मौजूद अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने कहा कि औरंगजेब ने लक्ष्मण टीला को ध्वस्त कर टीले वाली मस्जिद का निर्माण कराया था। यही नहीं बल्कि इस परिसर में 2001 में तत्कालीन सपा सरकार में सुनियोजित ढंग से वहां बने टीलेश्वर मन्दिर को नेस्तनाबूत करवा दिया था। इस कड़वी सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता, जिसे देखते हुये अखिल भारत हिन्दू महासभा लक्ष्मण टीला को मुक्त कराने के लिये न्यायालय से लेकर सड़क तक के रास्ते को अपनाएगी।
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