महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ईडी की गिरफ्तारी से राहत की मांग करते हुए उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। लेकिन न्यायालय ने 15 अगस्त को देशमुख की याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही देशमुख की गिरफ्तारी से बचने की सभी कोशिश खत्म हो गई है।
अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने 17 अगस्त को देशमुख को पांचवां समन जारी कर 18 अगस्त को उन्हें सुबह 11 बजे ईडी कार्यालय में मौजूद रहने को कहा है। क्या देशमुख उस वक्त ईडी के कार्यालय में उपस्थित होंगे? इस तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। इसके साथ ही अगर वे ईडी के कार्यालय में गए तो उनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है।
क्या अब ईडी के कार्यालय में पेश होंगे देशमुख?
देशमुख ने एक महीने पहले एक वीडियो जारी कर कहा था, ”सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद मैं ईडी के कार्यालय में पेश होऊंगा।” न्यायालय द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद क्या देशमुख ईडी के समक्ष पेश होंगे? क्या वे अपनी बात रखेंगे? इस तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।
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यह है मामला
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पुलिस को 100 करोड़ रुपये वसूलने का टारगेट देने का आरोप लगाया था। इस मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने देशमुख पर सीबीआई को केस दर्ज करने का निर्देश दिया था। सीबीआई द्वारा मामला दर्ज करने के बाद, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है और देशमुख के निजी सहयोगियों संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे को गिरफ्तार किया है। इस बीच अनिल देशमुख को कई बार तलब किया गया। लेकिन, देशमुख पूछताछ के लिए ईडी के कार्यालय में पेश नहीं हुए। इस बीच, ईडी द्वारा तीसरा समन भेजे जाने के बाद देशमुख ने सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था।