प्रयागराज की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या और उसके पति आलोक के बीच विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। 28 अगस्त को आलोक मौर्य जांच कमेटी के सामने पेश हुए। उन्होंने मीडिया को बताया कि मैंने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, लेकिन अब इसे वापस लेता हूं। उन्होंने बताया कि मैंने बहुत सोच समझकर अपनी शिकायत बिना किसी दबाव के वापस लिया है।
जांच कमेटी के अध्यक्ष ने दी जानकारी
जांच कमेटी के अध्यक्ष अपर आयुक्त प्रशासन अमृतलाल बिंद ने कहा कि आलोक 28 अगस्त को जांच कमेटी के सामने उपस्थित हुए थे। आधे घंटे रहे और उन्होंने अपनी शिकायत वापस ले ली है। जांच कमेटी ने आलोक से पूछा कि कहीं कोई दबाव तो नहीं है। इस पर आलोक ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। यह शिकायत वह अपने मन से बिना किसी दबाव के वापस ले रहे हैं। जबकि, इससे पहले आलोक ने शासन से शिकायत की थी कि ज्योति ने पद का दुरुपयोग करके करोड़ों की सम्पत्ति बनाई है। शासन ने मामले की जांच के लिए कमिश्नर प्रयागराज विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।
8 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान मांगे थे सबूत
बता दें कि, आलोक से जांच कमेटी ने 8 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान सबूत मांगे थे। आलोक ने 20 दिन का समय मांगा था। ज्योति मोर्या उस दिन जांच कमेटी के सामने पेश नहीं हुई थीं। कमेटी ने बात सुनने के बाद कहा था “आपके पास 20 दिन का समय है। इतने समय में आपने जो भी आरोप लगाए हैं। उनका सबूत पेश करें, जिसके बाद जांच कमेटी ने आज 28 अगस्त को फिर से पेश होने का आदेश दिया था।
आलोक ने सौंपी थी एक डायरी
आलोक ने जांच कमेटी को एक डायरी सौंपी थी। इसके बाद कमेटी हैंडराइटिंग एक्सपर्ट को बुलवाकर ज्योति की राइटिंग का मिलान कराएगी। इसके बाद तय होगा कि लाल डायरी में हर महीने लाखों रुपयों की एंट्री ज्योति मौर्या ने की है या उसमें किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है। अगर हैंडराइटिंग ज्योति मौर्या की साबित हो जाती है तब ज्योति के खिलाफ यह ठोस सबूत होगा। तब ज्योति मौर्या की परेशानी बढ़ सकती है।
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जांच साबति होने रक ज्योति मौर्या का हो सकता है निलंबन
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, अगर आलोक द्वारा लगाए गए आरोप सिद्ध होते हैं तो ज्योति मौर्या का निलम्बन हो सकता है और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी हो सकती है।