राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने सोमवार को अमेजन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना बरकरार रखा। फ्यूचर-अमेजन मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अमेजन पर यह जुर्माना लगाया था। कन्फेडरेश ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इस फैसले का स्वागत किया है।
फैसले को दी थी एनसीएलएटी में चुनौती
अमेरिकी कंपनी अमेजन ने सीसीआई के जुर्माने के फैसले को एनसीएलएटी में चुनौती दी थी। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण ने अमेजन की याचिका खारिज कर दी, जिसमें सीसीआई के आदेश को चुनौती दी गई थी। दरअसल सीसीआई ने अपने आदेश में फ्यूचर कूपन के साथ अमेजन के सौदे की मंजूरी को निलंबित कर दिया था। इस बीच कारोबारी संगठन कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने अमेजन के खिलाफ एनसीएलएटी के फैसले का स्वागत किया है। खंडेलवाल ने इस फैसले पर हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि हमेशा सत्य की जीत होती है। अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी लगातार भारतीय कानून का उल्लंघन करती आ रही है, जिसका कैट हमेशा से विरोध करता आ रहा है।
बरकरार रखा फैसला
ट्रिब्यूनल की पीठ ने अपने फैसले में सीसीआई के अमेजन और फ्यूचर कूपंस के सौदे के निलंबन के आदेश से सहमति जताते हुए उसे कायम रखा है। न्यायमूर्ति एम वेणुगोपाल और अशोक कुमार मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने सीसीआई के फैसले को बरकरार रखते हुए अमेजन को निर्देश दिया कि वह फैसले के दिन 45 दिनों के भीतर निष्पक्ष व्यापार नियामक द्वारा ई-कॉमर्स कंपनी पर लगाये गए 200 करोड़ रुपये के जुर्माने की राशि को जमा करे। ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के दौरान यह माना कि अमेजन ने आयोग के समक्ष इस करार का पूरा खुलासा नहीं किया था।