केंद्रीय गृह और सहकारितामंत्री अमित शाह (Amit Shah) शुक्रवार (8 मार्च) को नई दिल्ली में ‘राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस’ (National Cooperative Database) राष्ट्र को समर्पित करेंगे। साथ ही ‘राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस-2023 (National Cooperative Database-2023) एक रिपोर्ट’ का विमोचन भी करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के “सहकार से समृद्धि” के विजन को साकार करने की दिशा में सहकारिता मंत्रालय (Ministry of Cooperative) की यह अब तक की सबसे बड़ी पहल है।
पत्र सूचना कार्यालय के अनुसार, प्रधानमंत्री के स्वप्न के अनुरूप सहकारिता मंत्रालय ने देश के विशाल सहकारी सेक्टर की महत्वपूर्ण सूचनाओं को एकत्र कर सुदृढ़ डेटाबेस की अनिवार्यता को महसूस किया है। सहकारिता केंद्रित आर्थिक प्रारूप को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों, राष्ट्रीय संघों और हितधारकों की सहभागिता से यह डेटाबेस विकसित किया गया है।
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पीआईबी के अनुसार, राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के लोकार्पण समारोह में करीब 1400 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इनमें केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिव, राज्यों औरसंघराज्य क्षेत्रों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सहकारी समितियों के पंजीयक, देशभर की सहकारी समितियों, सहकारी संघों और यूनियन आदि के प्रतिनिधि शामिल हैं। पूर्वाह्न के सत्र में एक तकनीकी कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। कार्यशाला में प्रतिभागियों को इसके उपयोग, अनुप्रयोग और देश के सहकारी भू-दृश्य में सुधार की इसकी क्षमता के बारे में जानकारी दी जाएगी।
जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक
पीआईबी के अनुसार, राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस वेब आधारित डिजिटल डैशबोर्ड है। डेटाबेस ने विभिन्न सेक्टरों की लगभग आठ लाख सहकारी समितियों के साथ उनकी 29 करोड़ से भी अधिक की सामूहिक सदस्यता की सूचनाओं को एकत्र किया है। इस डेटाबेस का शुभारंभ सहकारिता के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। यह पहल जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन का प्रतीक है। यह समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के अनुरूप है।
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