अमरावती के फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे हत्याकांड के आरोपी तब्लिगी जमात के कट्टरपंथी सदस्य हैं और उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता इरफान खान और मौलवी मुशफीक अहमद के इशारे पर उमेश कोल्हे की हत्या को अंजाम दिया था। यह दावा एनआईए के शपथ पत्र में किया गया है।
उमेश कोल्हे फार्मासिस्ट थे और महाराष्ट्र के अमरावती में दवा की दुकान चलाते थे। 21 जून 2022 को जब वे मोटरसाइकिल पर जा रही थे तो रास्ते में तीन लोगों ने उन्हें रोक लिया और धारदार हथियार से हमला कर गला रेत कर उनकी हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड को इसलिए अंजाम दिया गया था क्योंकि कोल्हे ने सोशल मीडिया के जरिए नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन किया था।
अब तक 11 लोग गिरफ्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस हत्याकांड की जांच कर रही है। एनआईए ने इस हत्या के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस बीच एनआईए ने 16 दिसंबर को एनआईए के विशेष न्यायालय में इन 11 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। शपथ पत्र के अनुसार उमेश कोल्हे के हत्यारे तब्लिगी जमात के कट्टरपंथी सदस्य हैं, जो अत्यधिक क्रूरता की विचारधारा वाला संगठन है। इसी संगठन के कट्टरपंथियों ने 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की भी उमेश कोल्हे की तरह हत्या कर दी थी।
नुपूर शर्मा के समर्थन करने पर हत्या
एनआईए द्वारा अदालत में दायर चार्जशीट में कहा गया है कि गिरोह ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादित बयान देने वाली नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले की हत्या कर आतंक फैलाने की कोशिश की गई। उमेश कोल्हे ने 19 जून को नूपुर शर्मा के समर्थन में व्हाट्सएप ग्रुप पर पोस्ट किया था। चार्जशीट के अनुसार आरोपी इरफान ने इस पोस्ट का स्क्रीन शॉट कलीम इब्राहिम ग्रुप में डाला था। उसके बाद कट्टरपंथियों ने उमेश कोल्हे की हत्या का षड्यंत्र रचा था।