आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) द्वारा यमुना (Yamuna) के पानी में जहर (Poison) मिलाए जाने के बयान को चुनाव आयोग (Election Commission) ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में आयोग ने केजरीवाल को 31 जनवरी को सुबह 11 बजे तक साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया तो कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव आयोग ने केजरीवाल को उनके द्वारा दिए गए बयान पर तथ्यात्मक और कानूनी पहलुओं पर साक्ष्य के साथ जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि साक्ष्य प्रस्तुत किए जाते हैं तो आयोग मामले की जांच कर उचित कार्रवाई कर सकता है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे आरोपों से पड़ोसी राज्यों के निवासियों के बीच दुश्मनी पैदा होने और कानून-व्यवस्था को खतरा होने की संभावना है। यमुना में जहर किसने मिलाया? यमुना में क्या जहर मिलाया गया? किस इंजीनियर ने जहर की खोज की? पानी में जहर कहां मिलाया गया? पानी में जहर फैलने से कैसे रोका गया?
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आप के नेताओं को माफी मांगनी चाहिए
अरविंद केजरीवाल के बयान को लेकर भाजपा ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, भूपेंद्र यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी समेत भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के तीन सदस्यों से मुलाकात की थी। भाजपा ने यह भी मांग की थी कि नेता अपने आरोप वापस लें और लोगों के बीच “आतंक” पैदा करने के लिए माफी मांगें।
आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई
आप ने हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जानबूझकर यमुना में औद्योगिक कचरा डालने का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने भाजपा पर नदी में ‘जहर’ मिलाकर लोगों को मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। इससे पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को लिखे पत्र में उप-उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी द्वारा यमुना नदी में जहर मिलाने के हालिया आरोपों पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि पानी में जहर मिलाने और नरसंहार के आरोप भ्रामक हैं।
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