26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों (26/11 Mumbai Terror Attacks) के आरोपी (Accused) और पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) में डॉक्टर तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को संयुक्त राज्य अमेरिका (America) से भारत लाया जा रहा है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट द्वारा राणा के प्रत्यर्पण को रद्द करने की याचिका खारिज करने के बाद, उसे भारत लाने की अगली कानूनी प्रक्रिया शुरू हुई। सूत्रों के अनुसार, राणा को विशेष विमान से भारत लाया जा रहा है।
तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी सबसे पहले उसे हिरासत में लेगी और उससे पूछताछ करेगी। एनआईए की हिरासत में उनसे पूछताछ की जिम्मेदारी एनआईए प्रमुख और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सदानंद दाते पर है। संयोगवश, सदानंद दाते, जो राणा की जांच के लिए जिम्मेदार थे, ने 26/11 के आतंकवादी हमलों को करीब से देखा था। उस समय उन्होंने कामा अस्पताल में पाकिस्तानी आतंकवादियों से मुकाबला किया था। आम लोगों की जान बच गयी।
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कौन हैं सदानंद दाते?
सदानंद दाते महाराष्ट्र कैडर के 1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी हैं। उनकी गिनती भारत के सबसे बहादुर और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों में होती थी। सदानंद दाते को विशेष रूप से 2008 में 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान उनकी बहादुरी के लिए जाना जाता है। सदानंद दाते महाराष्ट्र कैडर में कार्यरत हैं। इसने समय-समय पर एनआईए और केंद्रीय एजेंसियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला किया था। उस समय सदानंद दाते मुंबई क्राइम ब्रांच में कार्यरत थे।
SWAT कमांडो तैयार
तहव्वुर राणा के भारत में प्रवेश करते ही एनआईए की टीम उसे हिरासत में ले लेगी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उनके साथ स्वाट कमांडो भी तैयार रहेंगे। इसके अलावा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और स्थानीय पुलिस की सुरक्षा शाखा हवाई अड्डे के बाहर मुस्तैद रहेगी।
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