बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार (Interim Government) के प्रमुख मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) को भ्रष्टाचार (Corruption) के एक मामले में बरी कर दिया गया है। यूनुस के बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के बाद भ्रष्टाचार निरोधक अदालत (Anti-Corruption Court) ने यह फैसला लिया है। शेख हसीना की सरकार के दौरान मोहम्मद यूनुस के खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन अंतरिम प्रधानमंत्री बनते ही उन्हें विभिन्न मामलों (Various Cases) में राहत मिलनी शुरू हो गई।
ढाका विशेष अदालत के न्यायाधीश मोहम्मद रबीउल आलम ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग की अर्जी स्वीकार कर ली। आयोग की ओर से अदालत में यह अर्जी दाखिल की गई थी। अर्जी में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 494 के तहत मामले का अभियोजन वापस लेने की मांग की गई थी।
बांग्लादेश में बदले माहौल का असर
शपथ लेने के महज तीन दिन बाद ही विशेष अदालत ने रिश्वतखोरी के एक मामले में मोहम्मद यूनुस को बरी कर दिया है। इससे पहले 7 अगस्त को भी यूनुस को एक मामले में राहत मिली थी।
भ्रष्टाचार के मामले में बरी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस को भ्रष्टाचार निरोधक आयोग द्वारा दायर मामले में बरी कर दिया गया है। ढाका विशेष न्यायालय के न्यायाधीश मोहम्मद रबीउल आलम ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग की उस अर्जी को स्वीकार कर लिया है जिसमें धारा 494 के तहत मामला वापस लेने का अनुरोध किया गया था। इस अर्जी के स्वीकार होने के बाद मोहम्मद यूनुस स्वतः ही मामले में बरी हो गए हैं।
छह महीने की सजा रद्द
यह पहला मामला नहीं है जिसमें मोहम्मद यूनुस को राहत मिली हो। इससे पहले बुधवार को मोहम्मद यूनुस को बड़ी राहत मिली थी और श्रम कानून का उल्लंघन करने के मामले में उनकी छह महीने की सजा रद्द कर दी गई थी। यूनुस के अलावा ग्रामीण दूरसंचार के तीन अन्य शीर्ष अधिकारियों को भी इस मामले में राहत मिली थी।
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