ASI Survey: उत्तर प्रदेश के संभल जिले(Sambhal district of Uttar Pradesh) के चंदौसी तहसील क्षेत्र(Chandausi tehsil area) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) का सर्वे 25 दिसंबर को लगातार छठे दिन जारी(Continuing for the sixth consecutive day) रहा। एएसआई अधिकारियों(ASI officials) के निर्देशन में चंदौसी नगर पालिका परिषद(Chandausi Nagar Palika Parishad) के 50 कर्मियों की टीम करीब 150 साल पुरानी बावड़ी की खुदाई(Excavation of old stepwell) में जुटी रही।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने बताया कि एएसआई की टीम के निर्देशन में बावड़ी का राज खोलने के लिए नगर पालिका के 50 लोगों की टीम कार्य में लगी है। यह खुदाई कब तक चलेगी, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी, क्योंकि इसके ढांचे पर जेसीबी मशीन नहीं चल सकती और श्रमिकों से काम कराया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि खुदाई में बावड़ी की ऊपरी मंजिल को साफ कराया गया और फर्श लाल पत्थर से बना हुआ प्रतीत हो रहा है।
नगर पालिका के दो सेनेटरी इंस्पेक्टर के साथ ही अन्य अधिकारी मौजूद
जल निगम के जूनियर इंजीनियर अनुज कुमार ने बताया कि बावड़ी का अस्तित्व सामने लाने के लिए नगर पालिका के दो सेनेटरी इंस्पेक्टर, एक रेवन्यू इंस्पेक्टर, एक जेई की देखरेख में 40 से 45 मजदूर काम कर रहे हैं। एक जेसीबी और तीन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को भी लगाया गया है।
धर्मग्रंथों में 19 प्राचीन कुओं और 68 तीर्थों का वर्णन
संभल के 19 प्राचीन कुओं और 68 तीर्थों का वर्णन तमाम धर्मग्रंथों में मिलता है। जिले के खग्गू सराय में विगत 13 दिसंबर को लगभग 46 साल से बंद प्राचीन शिव मंदिर खुलने के बाद जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने धर्मग्रंथों में वर्णिंत इन कूओं सहित तमाम प्राचीन कूओं को खोजकर उन्हें पुनर्जीवित कराने की मुहिम चला रखी है। जिलाधिकारी ने जांच के लिए एएसआई को पत्र लिखकर जिले के प्राचीन तीर्थ स्थलों और कुओं का निरीक्षण कराने की मांग की थी। एएसआई की चार सदस्यीय टीम संभल में अब तक कई तीर्थ एवं मंदिरों के साथ-साथ प्राचीन कुओं का भी सर्वे कर चुकी है।
खाली प्लाट में बावड़ी होने का दावा
एएसआई के सर्वे के दौरान संपूर्ण समाधान दिवस के मौके पर सनातन सेवक संघ के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी पैंसिया को प्रार्थना पत्र देकर चंदौसी के लक्ष्मण गंज इलाके में बने प्राचीन मंदिर के जीर्णाेद्धार कराने और मंदिर के पास ही गली में स्थित खाली प्लाट में बावड़ी होने का दावा किया था। जिलाधिकारी के आदेश पर 21 दिसंबर को दोपहर में एडीएम सतीश कुशवाह के साथ तहसील और नगर पालिका की टीम ने मौके पर पहुंच कर खुदाई शुरू की। खुदाई के दौरान पहले बावड़ी की दीवार नजर आई। बताया जा रहा है कि यह बावड़ी लगभग 150 साल पुरानी है और 400 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिलारी के राजा के शासनकाल से पूर्व इस बावड़ी का निर्माण कराया गया था।
बावड़ी के ऊपर लाल पत्थर का फर्श
संभल के चंदौसी स्थित मुस्लिम बहुल मोहल्ला लक्ष्मण गंज में खाली प्लाट में मिली बावड़ी का रहस्य परत दर परत अब खुलने लगा है। खुदाई में बावड़ी की ऊपरी मंजिल साफ नजर आने लगी है। लाल पत्थर का फर्श दिखने लगा है। यहां पर 11 द्वार अब तक सामने आ चुके हैं जिसमें छह द्वार नक्काशी युक्त हैं और पांच साधारण हैं। इसके पीछे कमरा नुमा गलियारा प्रतीत हो रहा है। एएसआई ने फर्श से मिट्टी हटवाकर जांच पड़ताल की। फर्श से लिंटर की ऊंचाई करीब साढ़े 10 फुट है। जिस मंजिल पर खुदाई चल रही है उसके नीचे एक और मंजिल है फिर उसके नीचे कुआं है। कुआं में नीचे जाने के लिए चारों ओर सीढियां बनी हुई हैं।