Prayagraj: कौओं और चीलों ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता

प्रयागराज शहर में किए गये शोध में पाया गया कि वर्ष 2020-2022 के दौरान कौओं और चील की संख्या में उत्तोरोत्तर वृद्धि हुई है।

192

साकेत महाविद्यालय में प्राणि विज्ञान विभाग में अध्यापनरत असिस्टेंट प्रोफेसर डा. प्रशान्त कुमार और उनके सहयोगी डा. अनिल कुमार ओझा ने प्रयागराज शहर में किए गये शोध में यह पाया कि वर्ष 2020-2022 के दौरान कौओं और चील की संख्या में उत्तोरोत्तर वृद्धि हुई है। यह शोध इलाहाबाद शहर के उत्तरी छोर के 10 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में किया गया। कौओं की संख्या गिनने के लिए जहां रोस्ट गणना विधि अपनाई गई, वहीं चीलों की संख्या गिनने के लिये बिंदु गणना विधि का उपयोग किया गया।

कौओं की संख्या इस क्षेत्र में जहां वर्ष 2020 में औसतन 2386 थी, वहीं वर्ष 2022 में 2792 पाई गयी। कौओं की संख्या अक्टूबर से फरवरी माह के मध्य सर्वाधिक व जून व जुलाई माह के मध्य निम्नतम पाई गई। प्रजनन काल (अप्रैल से सितम्बर) के दौरान इनकी संख्या कम हो जाती है। इसी प्रकार गर्मी के दिनों में इनकी औसत संख्या 2386 व शीतकाल में सर्वाधिक 2856 दर्ज की गई। इनकी बढ़ती संख्या ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

तेजी से बढ़ रही है संख्या
इसी तरह चीलों की संख्या वर्ष 2020 में औसतन 80 और वर्ष 2022 में औसतन 144 दर्ज की गई। औसत संख्या सितम्बर महीने में सर्वाधिक 169 और मई माह में निम्नतम 57 रिकॉर्ड की गई। बरसात के मौसम में इनकी संख्या सर्वाधिक 138 और गर्मी के दिनों में निम्नतम 138 रिकॉर्ड की गई। शोध क्षेत्र में वासस्थान की उपलब्धता, जल की प्रचुरता के साथ-साथ जन्तुओं और भोज्य पदार्थों के अवशेष इस वृद्धि के लिए उत्तरदायी पाये गये।

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद नारी शक्ति वंदन अधिनियम बन गया कानून! जानिये, कब से महिलाओं को मिलेगा लाभ

श्राद्ध और पिंडदान करने वालों के लिए अच्छी खबर
उक्त शोध जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल जूलॉजी, इण्डिया के जनवरी, 2024 के अंक में प्रकाशित होने के लिए स्वीकृत हुआ है। डॉ० प्रशान्त कुमार के अनुसार चूंकि यह शोध सीमित शहरी क्षेत्र में किया गया है, इसलिए अयोध्या जैसे शहरी क्षेत्रों पर इस शोध की पर्याप्त प्रासंगिकता है। जबकि पितृपक्ष शुरू होने वाला है, ऐसे में श्राद्ध व पिण्डदान करने वालों व पक्षी प्रेमियों के लिए यह सन्तोषजनक खबर हो सकती है।

साकेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो० अभय कुमार सिंह ने डॉ० प्रशान्त कुमार को उनके शोध के लिये बधाई ज्ञापित किया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.