मानसून सीजन में उत्तराखंड के बद्रीनाथ और केदारनाथ हाइवे पर रात आठ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक कोई भी यात्री या स्थानीय वाहन नहीं चलेंगे। इस दौरान सिर्फ सैन्य या फिर आकस्मिक को ही आवाजाही में छूट दी जायेगी। रुद्रप्रयाग में प्रशासन ने यह नियम लागू कर दिये हैं। हाइवे पर जगह-जगह पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन के बाद बढ़ रही दुर्घटनाओं के कारण यह फैसला लिया गया है।
मानसून सीजन में अत्यधिक बारिश के कारण पहाड़ों की स्थिति बहुत बदल जाती है। जगह-जगह पहाड़ियां दरक जाती हैं और दुर्घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। खासकर पहाड़ों में पता नहीं चलता है कि किस पहाड़ी से बोल्डर गिरने वाले हैं। ऐसे में सड़कों पर सफर करना खतरनाक साबित हो जाता है।
इन दिनों एक ओर चारधाम यात्रा भी चल रही है और बादल भी जमकर बरस रहे हैं। ऐसे में प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि रुद्रप्रयाग जनपद के भीतर रात आठ बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक न तो कोई यात्री वाहन चलेगा और न कोई अन्य वाहन। इस दौरान सिर्फ उन वाहनों को आवाजाही की छूट दी जायेगी, जो सैन्य वाहन होंगे या फिर एंबुलेंस। रुद्रप्रयाग में बद्रीनाथ और केदारनाथ हाइवे के अलावा कुंड-चोपता-बद्रीनाथ हाइवे के साथ ही मयाली-घनसाली राज्य मार्ग पर भी यह नियम लागू होंगे। रुद्रप्रयाग में सांय के समय जवाड़ी बाइपास पर वाहनों को रोका जा रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि मानसून सीजन पीक पर है और कई बार वाहनों के हाइवे पर फंसे होने की सूचनाएं मिलती हैं। कई वाहनों के ऊपर बड़े-बड़े बोल्डर भी आ आते हैं। एनएच और स्टेट हाईवे पर कई ऐसे स्थान हैं, जहां भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। ऐसे में रात के समय कोई भी वाहन नहीं चलेगा।
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