उत्तरी बांग्लादेश के पंचागढ़ जिले में अहमदिया समुदाय के तीन दिवसीय ‘जलसा सालाना’ का स्थानीय इस्लामी संगठनों ने कड़ा विरोध किया है। 24 घंटे से हो रहे इस विरोध के दौरान अहमदिया समुदाय पर हुए हमले में कम से कम दो लोगों की मौत गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
बस्तियों में आग व तोड़फोड़
हमलावरों ने बड़े पैमाने पर इस समुदाय के घरों में आगजनी और दुकानों में तोड़फोड़ की। घायलों में नौ पुलिसकर्मी और दो पत्रकार भी शामिल हैं। बताया गया है कि हमले के दौरान अहमदिया समुदाय के सदस्यों के 30 से अधिक घरों को फूंकने के बाद यातायात पुलिस कार्यालय को आग के हवाले कर दिया। स्थिति से निपटने के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के 17 प्लाटून पंचागढ़ शहर क्षेत्र में तैनात किए गए हैं।
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अहमदिया के जलसे का विरोध
अहमदिया समुदाय के सालाना जलसा के संयोजक अहमद तबशेर चौधरी ने कहा है कि हमारे समुदाय के 23 वर्षीय युवक जाहिद हसन समेत दो लोगों की हत्या कर दी गई। चौधरी ने कहा कि इस्लामवादी, जलसा का विरोध करते हुए जाहिद को करातोवा नदी के किनारे ले गए और वहां उसे मार दिया। इस हमले में अरिफुर रहमान (28) की भी मौत हो गई। हिंसा के बीच जिला प्राधिकरण और पुलिस ने समारोह को स्थगित करने की घोषणा की है। पुलिस अधीक्षक एस.एम. सिराजुल हुदा ने स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया है।
Join Our WhatsApp Community"Religious extremists have attacked the annual convention of the Ahmadiyya Muslim Community in #Bangladesh and severely injured the participants. The fanatics are also lighting the homes of #Ahmadi Muslims on fire." @pressahmadiyya #Ahmadiyya #News pic.twitter.com/r8vuxkdUCL
— Shiham Zoheb Bapi (@shihamBapi) March 3, 2023