ED Raid: आधिकारिक सूत्रों की मने तो प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने यूपी के एक पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी (Vinay Shankar Tiwari) द्वारा प्रचारित सड़क निर्माण और टोल प्लाजा संचालन कंपनी के खिलाफ कथित 750 करोड़ रुपये के बैंक ऋण धोखाधड़ी (Bank Loan Fraud) से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering cases) में जांच के तहत 23 फरवरी (शुक्रवार) को उत्तर प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में कई स्थानों पर छापेमारी की।
750 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी का है मामला
तलाशी की कार्रवाई गंगोत्री एंटरप्राइजेज और इसके मुख्य प्रमोटरों विनय शंकर तिवारी, रीता तिवारी और अजीत पांडे के खिलाफ की जा रही है। सूत्रों तो इन आरोपियों पर 2012 और 2016 के बीच बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ के खिलाफ लगभग 750 करोड़ रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है।
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ईडी ने लगभग दस परिसरों की कार्यवाई
विनय शंकर तिवारी दिवंगत पूर्व मंत्री और गोरखपुर के कद्दावर नेता हरि शंकर तिवारी के बेटे हैं। बसपा के टिकट पर चुने जाने के बाद उन्होंने अपने पिता के विधानसभा क्षेत्र चिल्लूपार, गोरखपुर का प्रतिनिधित्व किया। बाद में वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। उन्होंने बताया कि ईडी अधिकारी यूपी के लखनऊ, गोरखपुर और नोएडा, अहमदाबाद (गुजरात) और गुरुग्राम (हरियाणा) में लगभग दस परिसरों की तलाशी ले रहे हैं। गंगोत्री एंटरप्राइजेज एक कंपनी है जो सड़कों का निर्माण करती है, टोल प्लाजा और अन्य सरकारी अनुबंधों का संचालन करती है। एजेंसी ने इस मामले में नवंबर, 2023 में कंपनी की करीब 72 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
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